उम्मीद हैे ऐसी अनोखी और हिम्मत भरी पहल शरद सागर जैसे और भी युवा करेंगे। गाँव के बच्चों को मार्गदर्शित करेंगे, उत्साहित करेंगे और विश्वास भरेंगे कि गांव में रहकर भी आसमान की बुलंदियों को छुआ जा सकता है । एक पैर जमीन पर रख कर भी अपनी बड़ी सोच और कर्म के बल पर चाँद को छुआ जा सकता है ।
