शहर के लोग झेल रहे पेयजल झंकट, नियमित रूप से नहीं हो रहा पानी की सप्‍लाई

जानकारी

गर्मी ने दस्तक दे दी है। गर्मी के शुरुआती दिनों में ही शहरी क्षेत्र में पेयजल की किल्लत भी उत्पन्न होने लगी है। ऐसे में लोगों की प्यास बुझाने के लिए किए जा रहे निगम के दावों पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं। गर्मी के दस्तक देते ही वाटर वक्र्स गाद की समस्या झेलने लगा है। इससे शहर की 50 प्रतशित आबादी प्रभावित होने लगी है। हर दिन आठ से दस मजदूर गाद हटाते हैं। किसी दिन शहर को दोनों पालियों में सप्लाई मिलती है तो किसी दिन एक ही पाली में। यानी यह निश्चित नहीं है कि आपको अगली सुबह पानी मिलेगा भी या नहीं।

जिन वार्डों में वाटर वक्र्स से पानी नहीं पहुंचता, वहां निगम द्वारा बोरिंग और प्याऊ के सहारे पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। यहां भी पेयजल की समस्या बरकरार है। बोरिंग की क्षमता 20 एचपी के मोटर की है, लेकिन वो बालू उगलती हैं। इससे बचने के लिए कम क्षमता का मोटर लगाया जाता है, तो हर गली में पानी नहीं पहुंच पाता है। कुल मिलाकर ऐसे वार्डों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति दयनीय बनी हुई है।

वार्ड के लोगों से सुनिए उनके दुख की दास्तान

वार्ड नौ के पासवान टोला में हमेशा से पेयजल की समस्या बनी हुई है। जनप्रतिनिधियों ने अब तक हमारे लिए चापाकल, प्याऊ या बोरिंग कुछ भी नहीं दिया। हमें दूसरे मोहल्ले से पानी लाना पड़ता है।

– किरन देवी, वार्ड नौ

हमारे मोहल्ले में एक बोरिंग केवल देखने के लिए लगाई गई है। पाइप बिछवाए गए हैं, लेकिन अभी तक किसी को कनेक्शन नहीं दिया गया है। केवल एक नल है, जिससे करीब 15 घरों के लोग अपने से पाइप लगा लेते हैं। नापी की गई, लेकिन कोई कनेक्शन जोडऩे नहीं आया।

– मु. रिजवान, वार्ड आठ

वार्ड सात में पाइपलाइन बिछाई गई। इनमें बोरिंग से पानी सप्लाई दी गई। लेकिन, किसी को कनेक्शन नहीं दिया गया। जब लोगों ने अपने से इसमें पाइप जोड़े तो उनसे जुर्माना भी वसूला जाने लगा। हमको किसी भी हाल में पानी चाहिए। चाहे कनेक्शन दिया जाए या अपने से लगाने दिया जाए।

– जहांगीर, वार्ड सात

वार्ड पांच के मस्जिद वाले मोहल्ले में एक बोरिंग है। बोरिंग का दो साल पहले मोटर बिगड़ गया। रिपेयरिंग के नाम पर मोटर निकाल लिया गया। फिर वापस नहीं आया। इसकी बार-बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुध लेने नहीं आया। हम लोग आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं। दूूर-दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है।

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