ISRO के सबसे कम उम्र के शोधकर्ता के रूप में चयनित हुए,बिहार के “हर्ष”

प्रेरणादायक बिहारी जुनून

बिहार की धरा से एक बार फिर नाम रोशन किया, आइए जानते है,ISRO के अटल यान प्रयोग के लिए चयनित ,सबसे कम उम्र के शोधकर्ता “हर्ष राजपूत” की।

हर्ष एक मध्यमवर्गी परिवार से आते है। जहां उनके पिता शंभु सिंह ई-रिक्शा चलाते हैं। पिता ही घर का सारा खर्च उठाते हैं। हर्ष की एक छोटी बहन है, जो आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। और उनकी मां गृहिणी हैं।

बिहार बाल भवन किलकारी के विज्ञान विद्या के छात्र हर्ष राजपूत का चयन इसरो के भारत के पहले आरएलवी (री-यूजेबल लांच व्हीकल) राकेट “अटल यान” परियोजना के लिए किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए पूरे भारत से साढ़े तीन हजार शोधकर्ताओं का चयन किया गया है।
जिसमे की हर्ष की उम्र महज 16 वर्ष है। 11वीं कक्षा के विज्ञान के छात्र हैं।  शोधकर्ताओं में हर्ष सबसे कम उम्र के हैं। डीआरडीओ और इसरो ने अटल यान आर्बिटएक्स इंडिया एरोस्पेस कंपनी को राकेट बनाने का काम दिया है। बिहार बाल भवन किलकारी राज्य सरकार द्वारा संचालित है। यहां साधनविहीन वैसे छात्रों को अवसर प्रदान किया जाता है, जो नवाचार में रुचि रखते हैं। इसी दौरान अन्य वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने हर्ष की प्रतिभा को पहचाना ।

हर्ष राजपूत का चयन चयन इसरो के भारत के पहले आरएलवी (री-यूजेबल लांच व्हीकल) राकेट अटल यान परियोजना के लिए किया गया है।और बताते हुए काफी गौरवान्वित हो रही हूं की तीन हजार शोधकर्ताओं में हर्ष की उम्र सबसे कम है। वाकई ये हमारे बिहार के गर्व की बात है।
हर्ष राजपूत अटल यान के एयर ब्रिदिंग सिस्टम रिसर्च बोर्ड में तीन महीने की इंटर्नशिप कर चुके हैं। इन्हें आर्बिटएक्स से इंटर्नशिप का प्रमाणपत्र और शोधकर्ता का प्रमाणपत्र भी मिला है। उसी दौरान इनकी प्रतिभा को इसरो के विज्ञानियों ने पहचाना। और सबसे कम उम्र के शोधकर्ता के रूप में उनका चयन हम सभी के लिए गौरव की बात है।

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