नीतीश कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़े, अति पिछड़े वर्ग की छात्र-छात्राओं की पढ़ाई 12वीं के बाद पूरी होने तक छात्रवृत्ति मिलती रहेगी। लेकिन बाहर के संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों और संस्थानों का थर्ड पार्टी सत्यापन करने के बाद ही सही उम्मीदवार को छात्रवृत्ति की दी जाएगी। इससे उन निजी शिक्षण संस्थानों पर रोक लगेगी जो छात्र-छात्राओं की मदद करने के नाम पर व्यापार करते हैं।
कुछ लोग सरकार के इस फैसले का गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं। इसपर बुधवार को विधान परिषद में विनियोग विधेयक पर बोलते समय नितीश कुमार ने कहा कि जनता की कमाई को सरकार बर्बाद नहीं होने देगी। अगर छात्र और संस्थान सही है तो राशि अवस्य दी जाएगी।
अगर कोई छात्र किसी भी कोर्स में कहीं भी नामांकन कराये और उसको 10 लाख देना पड़े, इसकी सीमा तय होनी जरूरी है। आईआईटी और एनआईटी के छात्रों से ज्यादा राशि तो निजी संस्थानों में देनी पड़ती है।
नितीश कुमार के सात निश्चय में से एक स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लंबी आवेदन प्रक्रिया से परेशान विद्यार्थियों को राहत देने के लिए स्टूडेंट्स फ्रेंडली बनाने का निर्णय लिया है। आवेदकों का आधार कार्ड या पैन कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त करने से ग्रामीण छात्रों को काफी राहत मिलेगी। इस योजना के तहत बीएड, जीएनएम समेत 34 कोर्स है। योजना को व्यापक स्वरूप देने और सहज उपलब्धता के लिए ये जरूरी परिवर्तन किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की योजना सबके लिए लागू कर दी गई है। वर्ष 2017-18 में हम देखेंगे कि इसका कितना लाभ हुआ।
शिक्षा विभाग ने बताया कि वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने बैंक प्रतिनिधियों से बात कर छात्रों को हो रही परेशानी की जानकारी दी। उनसे सभी जरूरी जानकारियों के मांगे मांगे जाने के बाद अब ऑनलाइन आवेदन को सरल बना दिया गया है। अब 8 पेज की जगह बस तीन पेज के ऑनलाइन आवेदन में विद्यार्थियों को जरूरी सभी जानकारियां देनी होंगी।
प्रमाणपत्र वेरिफिकेशन के लिए आवेदक जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में अपनी सुविधा अनुसार किसी दिन भी जा सकेंगे। पहले पॉलिटेक्निक पास छात्रों के बारे में कोई नियम नहीं था। अब पॉलिटेक्निक पास विद्यार्थी 12वीं पास माने जाएंगे और बीई या बीटेक कोर्स करने के लिए उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया है।