सावन का महीना शुरू होने के बाद बिहार की सड़कों पर भोले के भक्त कावड़ियों की भीड़ है। इस दौरान अजब-अजब नजारे भी देखने को मिल रहे हैं। जहानाबाद के चंदन कुमार आज के श्रवण कुमार बनकर अपने पिता और माता को कांवड़ में बैठाकर जल लाने निकल चुके हैं। कांवड़ को आगे की ओर से चंदन तो पीछे की ओर से उनकी पत्नी रानी कुमारी ने थामा हुआ है। देवघर जाने को लेकर आज के श्रवण कुमार को देखने वालों की भीड़ जमा हो गई।
माता-पिता को बाबा धाम देवघर ले जा रहे चंदन कुमार ने कहा कि उनके मन में ख्याल आया कि क्यों नहीं हम अपने पिता जगन्नाथ साह और माता मीना देवी को तीर्थाटन करवाएं। वे अपनी पत्नी और अपने तीन बच्चों के साथ मिलकर अपने माता-पिता को सुल्तानगंज से गंगाजल भरने के बाद अपने कांधे पर लेकर कच्ची कांवरिया पथ होते हुए देवघर जा रहे हैं। कच्ची कांवरिया पथ के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में यह चर्चा का बिषय बना हुआ है। लोग इसकी काफी सराहना कर रहे हैं।
माता-पिता ने किया था इनकार, फिर भी नहीं मानें श्रवण कुमार
चंदन कुमार ने बताया कि कांवड़ में बैठाकर कांधे पर उठाकर चलने का माता-पिता ने पहले विरोध किया था। उन्होंने कहा कि हम लोग काफी वजनदार हैं, तुम कैसे अपने कंधे पर दोनों को इतनी दूर यात्रा तय करोगे। हालांकि, बेटे चंदन ने उन्हें समझाया और आखिरकार अपने माता-पिता को सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर को रवाना हो गए। आगे चंदन कुमार ने कहा कि माता-पिता की सेवा से बड़ा ना ही कोई धर्म है और ना ही पूजा। वहीं माता-पिता ने कहा कि बाबा भोलेनाथ सभी को मेरे जैसा पुत्र दे।