कल है सतुआनी-बिहारियों का बैसाख मास के आगमन का त्योहार, खाते हैं सत्तू और कच्चा आम

कही-सुनी
सतुआनी पर बिहारी लोग आज के दिन स्नान -ध्यान करके नयी रब्बी फसल जैसे चना , जौ , मक्का ,गेहूँ ,कुल्थी ,मसूर मूंग आदि में से किसी एक अथवा कई को मिलाकर एकसाथ सत्तु (आटा स्वरुप व्यंजन ) के रूप में सेवन करते हैं। सत्तू के साथ नमक , जीरा बुकनी , हरी मिर्च प्याज़ , आम के टिकोले -धनिया पुदीना की चटनी , अचार , मुरव्वा , नीम्बू की निमकी आदि के साथ मुट्ठरा एवम घोरुआ बनाकर खाते एवम पीते हैं। सत्तु को ‘शीताल्बुकनी’ नाम से भी पुकारा जाता है। कुछ लोग सत्तु के साथ स्वादानुसार घी गुड / चीनी के साथ भी इसका सेवन करते हैं।

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