इससे संबंधित निर्देश बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी द्वारा राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा माध्यमिक शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा एवं एसएसए के प्रभार वाले जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिये गये हैं।
वर्ग के अनुसार इतने अंकों का होगा मूल्यांकन
ये निर्देश छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक स्तर में सुधार को लेकर दिये गए हैं। निर्देश के मुताबिक, छठी से लेकर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं के लिए प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाला मूल्यांकन गैर वित्तीय गतिविधि के रूप में संपादित किया जायेगा।
सभी विषयों के लिए साप्ताहिक मूल्यांकन का आयोजन प्रत्येक सप्ताह में एक बार शिक्षकों द्वारा किया जायेगा। शिक्षक वर्गवार निर्धारित अधिगम प्रतिफल के आधार पर पाठ्यपुस्तक की सहायता से प्रश्नों का चयन करेंगे। छठी से आठवीं का मूल्यांकन अधिकतम 10 अंकों का एवं नौवीं से 12वीं का अधिकतम 20 अंकों का होगा।
साप्ताहिक मूल्यांकन के लिए शिक्षक प्रश्न ब्लैकबोर्ड पर लिखेंगे। इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं के पास एक नोटबुक या अभ्यास पुस्तिका होगी, जिसका उपयोग साप्ताहिक मूल्यांकन के लिए होगा। उससे छात्र-छात्राओं के शैक्षिक प्रगति का अवलोकन होगा।
सरकारी स्कूल के बच्चों का प्रत्येक माह होगा मूल्यांकन
जागरण संवाददाता, पटना: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में रचनात्मकता और सीखने के कौशल को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए अब कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का प्रत्येक महीने मूल्यांकन (जांच परीक्षा) किया जाएगा।
बच्चों का मूल्यांकन सितंबर से शुरू होगा। इसकी तैयारी अगस्त माह से ही शुरू कर दी गई है। कक्षा एक से पांच और कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों का मूल्यांकन अलग-अलग होगा।
महीने के आखिरी शनिवार को होगी पेरेंट्स-टीचर मीट
जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि इस माह के अंत तक मासिक मूल्यांकन की रिपोर्ट सभी स्कूलों को तैयार करानी है। इसके साथ ही स्कूल द्वारा किए गए मासिक मूल्यांकन में बेहतर ग्रेड पाने वाले बच्चों की सूची नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी।
मासिक मूल्यांकन पूरा होने के बाद स्कूलों की ओर से माह के अंतिम शनिवार को अभिभावक-शिक्षक मीट आयोजित करेंगे, जिसमें बच्चों की ग्रेड अभिभावकों को दिखाया जाएगा।
मासिक मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को ए, बी, सी, डी और ई ग्रेड प्रदान किया जाएगा। सी, डी और ई ग्रेड पाने वाले बच्चों की पढ़ाई में सुधार के लिए शिक्षक विशेष ध्यान देंगे, ताकि इन बच्चों की ग्रेडिंग में सुधार के लिए स्कूल प्रबंधक रणनीति तैयार कर सकें।
राज्य के सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छठी से लेकर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं का साप्ताहिक मूल्यांकन होगा।