सरकारी मदद लेकर पूरी की पढ़ाई, BPSC क्वालीफाई कर बनें नियोजन पदाधिकारी

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आर्थिक तंगी आने के कारण अक्सर लोग पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं. इससे उनका सपना भी टूट जाता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी आर्थिक तंगी को पढ़ाई में बाधक नहीं बनने देते हैं. अपने सपनों को पूरा करते हैं. ऐसे में यह खबर उन तमाम विद्यार्थियों को प्रेरित करेगा, जो गरीब परिवार से आते हैं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे होते हैं. दरभंगा के जिला नियोजन पदाधिकारी मृणाल कुमार चौधरी बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वह भी इस मुकाम तक पहुंचने से पहले आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे.

सैनिक स्कूल से की 10वीं तक की पढ़ाई

श्रम संसाधन विभाग दरभंगा में कार्यरत नियोजन पदाधिकारी मृणाल कुमार चौधरी एक किसान परिवार से आते हैं. इनकी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई. प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवाने के लिए इनके परिवार के पास इतने रुपए नहीं थे. सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए तैयारी कर वे सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास कर गए. 10वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल से की. इसके बाद एजुकेशन लोन से आगे की पढ़ाई की.आज बीपीएससी क्वालीफाई कर श्रम संसाधन विभाग में नियोजन पदाधिकारी बनकर हजारों युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं.

एक साल तक की इंजीनियर की नौकरी

मृणाल चौधरी बताते हैं किकिसान परिवार में आर्थिक तंगी लगी रहती है.इस कारण शुरुआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई है. बाद में सैनिक स्कूल से 10वीं की. इसके बाद इंजीनियरिंग के लिए सोचा, लेकिन परिवार वाले मायूस हो गए. क्योंकि किसान परिवार से थे. लोग यह सोचने लगे कि इतना पैसा कहां से आएगा. तो फिर मैंने एजुकेशन लोन लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके साथ में कंपटीशन की भी तैयारी जारी रखी. एक साल जॉब करने के बाद रिजाइन कर बीपीएससी की परीक्षा क्वालीफाई किया और आज श्रम संसाधन विभाग दरभंगा में नियोजन पदाधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं.

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