बिहार राज्य खनिज निगम इस साल एक दिसंबर से बालू-गिट्टी का थोक व्यापार करेगा। वह सभी फुटकर विक्रताओं, सरकार और ठेकेदारों को बाजार दरों या सरकार द्वारा निदेशित दरों पर इसे बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।
सभी बंदोबस्तधारी खनन के बाद उसे बालू-गिट्टी उपलब्ध करवाएंगे। इस आदेश की अधिसूचना प्रदेश सरकार ने जारी कर दी है।
नई अधिसूचना के अनुसार खान एवं भूतत्व विभाग अब सभी लघु खनिजों (बालू, गिट्टी) के थोक व्यापार की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले सकेगा। राज्य में कुछ या सभी लघु खनिजों के थोक व्यापार करने के लिए निगम को अधिकार दे सकेगा।
इन लघु खनिजों का खनन करने वाले बंदोबस्तधारियों को विभाग ने आदेश दिया है कि वे निगम के पास निर्धारित दर पर यह लघु खनिज जमा कर दें। वे किसी भी व्यक्ति या फर्म को सीधे इसे नहीं बेचेंगे।
मशीनों का इस्तेमाल होगा कम, मजदूर करेंगे काम
अब बालू घाटों का अधिकतर काम मजदूर करेंगे। वहां खनन से लेकर हर काम के लिए मशीनों का कम से कम इस्तेमाल होगा। मजदूरों की कमी होने या विशेष परिस्थिति में संबंधित इलाके के डीएम से अनुमति लेकर ही मशीनों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
घाट पर ट्रक और ट्रैक्टर नहीं जाएंगे। वहां से संग्रहण स्थल या सड़क तक बालू ढोकर लाने का काम बैलगाड़ियां करेंगी। प्रदेश सरकार ने नई लघु खनिज नियमावली, 2017 में यह प्रावधान किया है। इससे अधिक मजदूरों को रोजगार मिलेगा।