संपूर्ण क्रांति में रात भर ठिठुरती रही वृद्धा, नहीं दिया बेडरोल; अटेंडेंट बोला- नियम नहीं है

खबरें बिहार की जानकारी

राजेंद्र नगर-नई दिल्ली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस (12393) से दिल्ली जा रही एक बुजुर्ग महिला यात्री को आरएसी की सीट होने के बावजूद बेडरोल नहीं दिया गया। भीषण ठंड में महिला पूरी रात ठिठुरती रही। उनसे कहा गया कि आरएसी के यात्रियों को बेड रोल देने का प्रविधान नहीं है। ठंड से परेशान होकर उन्होंने एसी का तापमान बढ़ाने के लिए कोच अटेंडेंट से अनुरोध किया तो उसे भी अनसुना कर दिया गया।

उन्होंने देर रात ही रेल मंत्री से लेकर तमाम अधिकारियों से कंबल (बेडरोल) नहीं मिलने की शिकायत ट्विटर पर की। इसके बाद रेलवे ने कार्रवाई तो की, लेकिन तब तक उनकी यात्रा समाप्त हो चुकी थी। शिकायत करने वाली बुजुर्ग महिला यात्री सुधा मिश्रा (60) पटना के अनीसाबाद की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि पीएनआर संख्या 6513356127 से एसी-थ्री का टिकट बुकिंग काउंटर से लिया था। उनका टिकट आरएसी में रह गया और बी-3 में 55 नंबर बर्थ दिया गया। वह बर्थ एक लड़के को भी दिया गया था।

अटेंडेंट बोला- आरएसी में कंबल व चादर देने का नियम नहीं

वह टीटीई से बार-बार अपना बर्थ बदलने का अनुरोध करती रहीं, लेकिन कोई बर्थ खाली नहीं होने की बात कही गई। जब रात में कोच अटेंडेंट से बेडरोल में कंबल व चादर देने को कहा तो उसने मना कर दिया। नतीजा यह हुआ कि वह पूरी रात बगैर किसी कंबल या चादर के बर्थ पर चुपचाप बैठी रहीं। बुजुर्ग महिला द्वारा रेल मंत्री को ट्वीट करते ही रेलवे के तमाम वरीय अधिकारी एक्शन में आ गए।

आरएसी को बेड रोल देने का प्रविधान

तत्काल दानापुर मंडल रेल प्रबंधक प्रभात कुमार ने संबंधित अधिकारियों की क्लास लेनी शुरू कर दी। बेड रोल आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को तलब किया गया। कोच अटेंडेंट पर कार्रवाई की गई। संबंधित अधिकारियों से भी इस संबंध में जवाब-तलब किया गया। वहीं, संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बेड रोल आपूर्ति करने वालों पर एक दिन पहले ही 51 हजार का जुर्माना किया गया था। अधिकारियों की मानें तो रेलवे में आरएसी के यात्रियों को अलग-अलग बेडरोल की आपूर्ति का प्रविधान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *