बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने समलैंगिक विवाह के मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इस तरह के मामले से संस्कृति पर आघात करने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या ये करने की जरूरत थी? राज्यपाल ने कहा कि ”हमारे परिवार संस्था कुटुंब पर आघात करने का प्रयास हो रहा है.” राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर चिन्मय मिशन के 71 वें स्थापना दिवस के अवसर पर हुए कार्यक्रम में पंहुचे थे.

राज्यपाल ने कहा पिछले कुछ सालों से देख रहे हैं कि भारत पूरी दुनिया को अपनी सीख बता रहा है. पिछले 10 सालों से राजनीतिक तौर पर अपनी पहचान बता रहा है. दुनिया के लोगों को लगता है कि भारत के पास ताकत और सामर्थ्य है और इससे देश का पूरे दुनिया मे कितना स्वागत हो रहा है. राज्यपाल आर्लेनकर ने गीता के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि भागवत गीता ने हमें बताया कि करना क्या है. आज के समय में गीता का अर्थ क्या है. भारत की वास्तविक शक्ति संस्कृति और आध्यात्म की शक्ति है. भागवत गीता हमें कर्मयोग के लिए प्रेरित करता है.
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने चिन्मयानंद स्वामी जी के साथ बिताए हुए दिनों को याद करते हुए कहा कि भारत की शक्ति आध्यात्मिकता में निहित है, और यह जितनी सुदृढ़ होगी, विश्व में हमारी साख उतनी की बढ़ती जाएगी. उन्होंने भागवत गीता को शास्त्र सम्मत और विज्ञान आधारित बताया. कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री शिवाजी पांडे जी, विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आरएन सिंह भी शामिल हुए