असम के बाद बिहार के पूर्णिया में ही मां कामाख्या का मंदिर है. यह मंदिर 800 साल पुराना है. यहां माता भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है. मंगलवार को विशेष पूजा होती है. इसमें पता चल जाता है कि आपकी मनोकामना पूर्ण होगी या नहीं पता चल जाता है. यहां पर पूजा करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. यह मंदिरबिहार के पूर्णिया जिला के मजरा पंचायत में स्थित है.
जानिए मंदिर के स्थापना की कहानी
मां कामाख्या मंदिर के पंडित गौरी कांत झा कहते हैं कि सदियों पुरानी बात है. जब माता के भक्तभागीरथ झा, जो तांत्रिक सिद्ध पुरुष थे. उन्होंने अपनी भक्ति से मां कामाख्या को प्रसन्न कर पूर्णिया के इस जगह पर ले आए. मां कामाख्या ने अपने भक्तों की पुकार सुनकर पूर्णिया के मजरा पंचायत के इस मंदिर वाली जगह पर आकर मां स्थापित हो गई. जिसके बाद माता ने वहां शांति स्थापित करने के लिए राक्षस प्रवृत्ति वाले लोगों को मां कामाख्या ने सजा दी. जिसके बाद मां कामाख्या ने वहां के ही लोगों को स्वप्न में आकर बताया कि उनकी इस जगह पर नित्य प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाए. जिससे लोगों का भला होगा.
कुष्ट रोग से मिलती है मुक्ति
पंडित गौरीकांत झा बतलाते हैं कि माता ने अपने भक्तों को कहा इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से आकर पूजा-अर्चना करेंगे, उनकी हर तरह कीदुख दूर होगी.साथ ही कुष्ठ रोगी को भी कुष्ट जैसे असाध्य रोगों से मुक्ति मिलेगी. इस मन्दिर में पूजा करने श्रद्धालु बिहार ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों एवं जिलो से लोग पहुंचते हैं. सबों की मनोकामना पूर्ण होती हैं.
800 साल पुरानी परंपरा अब भी बरकरार
पंडित गौरीकांत झा कहते हैं कि यह मन्दिर लगभग 800 साल पुराना हैं. आज भी इस मंदिर की परंपरा बरकरार हैं. उन्होंने कहा इस मन्दिर में मां कामाख्या मंदिर परिसर में हर मंगलवार को विशेष रूप से मां कामाख्या की पूरा पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन अगर कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से आस्था और विश्वास के साथ मां के मंदिर आकर अपनी इच्छा पूरा होगी या नहीं होगी तो आसानी से जान सकते हैं. बस इसको जानने के लिए वह मंगलवार के दिन मंदिर में आकर पूजा करें. इसके बाद मन्दिर के पुजारी द्वारा उनकी इच्छाओ को जानने के लिए मनोकामना पान चढ़ाया जाता. अगर मां कामाख्या की कृपा से पूरी होने वाली होगी, तो पान नीचे गिर जायेगा.नहीं पूरा होना होगा तो पान नहीं गिरेगा. जिससे भक्त और पुजारी आसानी से जान लेते हैं. पंडित जी ने इसे मां का चमत्कार बताया है.
अगर आपको जाननी हो अपनी इच्छा तो करें यह उपाय
पंडित जी कहते हैं वैसे लोग जो अपनी मनोकामना को जानना चाहते हैं तो इसके लिए श्रद्धालुओं को 1 दिन पहले सेंधा नमक में खाकर रहना होगा.अगले दिन मंगलवार को खाली पेट स्नान ध्यान कर मां का पूजा अर्चना करनी होगी.जिसके बाद मंदिर के पुजारी के द्वारा पान चढ़ाकर उनकी इच्छाएं पूरी होने की जानकारी मिल पाएगी. पंडित जी कहते हैं यह हर मंगलवार को होता है. पान चढ़ाने के बाद लोगों की जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो श्रद्धालु चढ़ावा चढ़ाते हैं.