सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में फैटी लीवर, प्राइवेट में गईं तो निकली यूटरस की समस्या, सिविल सर्जन से शिकायत

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बिहार के सुपौल सदर अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. मामला सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड सेंटर से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि शहर के वार्ड 10 निवासी महेश प्रसाद कसेरा की 45 वर्षीय पत्नी अंजू देवी को एनीमिया की शिकायत है. बीते दो दिनों से शौच की समस्या थी और उसका पेट फूल रहा था, जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे बुधवार की सुबह ही इलाज के लिए सुपौल सदर अस्पताल लाया गया.

परिजनों की मानें तो पहले यहां महिला का एक्सरे कराया गया. लेकिन, जब रिपोर्ट में कुछ नहीं आया तो अल्ट्रासाउंड की सलाह दी गई. इसके बाद सदर अस्पताल में ही महिला का अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें महिला को फैटी लीवर की समस्या बताई गई. इसके बाद परिजनों ने महिला को खाना खिला दिया. लेकिन, खाने के कुछ देर बाद जब महिला की तबियत और भी बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजनों को रिपोर्ट गलत होने का शक घेरने लगा.

परिजनों के अनुसार इसके बाद उन्होंने शहर के ही एक निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में महिला की दोबारा जांच कराई, जिसमें महिला के यूटरस में समस्या बताई गई. लिहाजा परिजनों के आग्रह पर महिला का निजी अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट पर ही उपचार शुरू कर दिया गया है. लेकिन, अब इन दोनों रिपोर्ट में अंतर को लेकर महिला के परिजनों ने सुपौल सिविल सर्जन से शिकायत की है.

महिला के पुत्र आशीष कुमार और परिजन निशांत कुमार का आरोप है कि सदर अस्पताल में महिला का दो मिनट के अंदर ही अल्ट्रासाउंड कर दिया गया. जबकि निजी सेंटर पर जांच के लिए करीब 25 मिनट का समय लिया गया, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि सदर अस्पताल में जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है. परिजनों ने मामले में सिविल सर्जन से जांच कर कार्रवाई की मांग की है. इधर, सिविल सर्जन डॉ मिहिर कुमार वर्मा ने मामले की जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया है.

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