दिल्ली नगर निगम, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आए चुनाव नतीजों के बाद से ही सभी राजनीतिक दल अपने पक्ष को अलग-अलग तरीके से भुनाने में लगे हुए हैं। इस बीच सुशील मोदी ने तो जदयू को राजद में विलय करने तक की सलाह दे डाली है। वहीं, राजद ने कहा कि गुजरात की जिस जीत पर भाजपा उत्साहित है, वहां भी भाजपा के वोट में भारी गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली नगर निगम, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम भाजपा के अंधकारमय भविष्य का संकेत दे रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने भाजपा पर साधा निशाना
पार्टी के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने शनिवार को कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात में भाजपा को 62.21 प्रतिशत वोट मिले थे और अब विधानसभा चुनाव में मात्र 53 प्रतिशत रह गया है। नौ प्रतिशत वोट में कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर ही लड़ा गया था। राजद प्रवक्ता ने कहा कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में भाजपा का वोट प्रतिशत 69.70 था, जबकि विधानसभा चुनाव में 26 प्रतिशत की कमी के साथ 43 प्रतिशत पर आ गया। उत्तर प्रदेश में भाजपा की परम्परागत खतौली विधानसभा सीट भारी मतों के अंतर से भाजपा के हाथ से निकल गई।
उपचुनाव में भाजपा को हुआ नुकसान
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा, राजस्थान के सरदार शहर, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर, उड़ीसा के पदमपुर विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। गगन ने कहा कि मामूली अंतर से कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव की जीत को भविष्य की राजनीति का संकेत मानने वाले भाजपा नेताओं को समझ लेना चाहिए कि दो राज्यों के विधानसभा चुनावों और एक लोकसभा तथा छह विधानसभा के उपचुनावों के परिणाम और वोट शेयर उसके किस भविष्य की ओर इशारा कर रहा है।