बिहार में बिजली कंपनी की स्पेशल टास्क फोर्स के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि अगर वे कहीं बिजली चोरी के मामले में छापेमारी या प्राथमिकी दर्ज करते हैं, तो इसकी सूचना इसके लिए बने एप पर अपलोड करें। गुरुवार को इस सिस्टम के इस्तेमाल के बारे में संबंधित अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया गया।
जानें रेड एंड एफआइआर मॉड्यूल की पूरी जानकारी
अभियंताओं जानकारी दी गई कि रेड एंड एफआइआर सिस्टम के तीन मॉड्यूल हैं। पहला रेड मॉड्यूल, दूसरा एफआइआर और तीसरा पेमेंट मॉड्यूल है।

रेड मॉड्यूल के अंतर्गत ऐसे उपभोक्ताओं के विवरण डाले जाएंगे, जो औचक निरीक्षण के दौरान बिजली चोरी अथवा मीटर में छेड़छाड़ के दोषी पाए जाएंगे। संबंधित फोटोग्राफ को भी अपलोड किया जाएगा।
वहीं, अगर किसी उपभोक्ता पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो उसे एफआइआर मॉड्यूल में डाला जाएगा। वहीं, पेमेंट मॉड्यूल में बकाया शुल्क को जोड़कर अपलोड किया जाएगा।
क्या बोले बिजली कंपनी के सीएमडी
इस मौके पर बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि इस व्यवस्था के शुरू होने से मुख्यालय से लेकर सेक्शन तक में कोई भी अधिकारी छापेमारी, प्राथमिकी या फिर बकाए भुगतान की जानकारी ले सकेगा। इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी।
बेहतर होगी ट्रैकिंग व मॉनीटरिंग की व्यवस्था
बेहतर ट्रैकिंग व मॉनीटरिंग संभव हो सकेगी। अब तक यह मैनुअल तरीके से हो रहा था। कई बार कागज के खो जाने या फट जाने का झंझट भी सामने आ जाता था।
कुछ ऐसे मामले भी सामने आते थे, जिसमें स्थानीय दवाब पर प्राथमिकी वापस भी लिए जाने की बात रहती थी। अब यह संभव नहीं हो पाएगा।