तीन साल की मासूम बहन को हाथियों से बचाने के लिए जान की बाजी लगाने वाली सात साल की कांति को वीरता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा. गणतंत्र दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिल्ली में कांति को दिया जाएगा. कांति उदयपुर विकासखंड के हाथी प्रभावित मोहनपुर गांव की रहने वाली हैं.

दरअसल, सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के कई गांव हाथी प्रभावित क्षेत्र में बसे हैं. इनमें से मोहनपुर गांव भी हाथियों के विचरण क्षेत्र के नजदीक बसा है. 17 जुलाई 2018 को हाथियों का दल मोहनपुर जंगल से निकलकर बस्ती के नजदीक पहुंच गया था. इस दौरान, मोहनपुर के भंवरापारा में प्रवेश करते ही हाथियों ने घरों को क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया.

हाथियों ने घर के सामने का हिस्सा तोड़ दिया. वहीं, पीछे के दरवाजे को तोड़कर बाड़ी में प्रवेश करने लगे. तीन हाथियों ने बाड़ी में लगे मक्का व दूसरी फसलों को बर्बाद करना शुरू कर दिया. इस दौरान, कांति का परिवार दूसरे रास्ते से बाहर निकल गए. लेकिन, जल्दबाजी में माता-पिता घर में मौजूद तीन साल की मासूम सोनिया को साथ ले जाना भूल गए. जिसके बाद कांति ने अदम्य साहस का परिचय दिया और अपनी बहन को सकुशल घर से बाहर निकालने में सफलता हासिल की.

7 साल की मासूम कांति के साहस की हर कोई मिसाल देता है. जिला शिक्षा अधकारी ने बताया कि बहादुर बच्ची को वीरता पुरस्कार मिलना हमारे लिए गौरव की बात है.
Sources:-Zee News