आज के दौर में जब रिश्ते धुधंलाते जा रहे हैं, ऐसे में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत प्रेम पूर्ण आधार देता है रक्षाबंधन का त्योहार। रक्षा बंधन का त्योहार भारत में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षा बंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस पर्व का ऐतिहासिक, सामाजिक, धार्मिक और राष्टीय महत्व है। इसे श्रावण पूर्णिमा के दिन उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।
रक्षाबंधन पर्व का ऐतिहासिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय महत्व है। यह भाई एवं बहन के भावनात्मक संबंधों का प्रतीक पर्व है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर रेशम का धागा बांधती है तथा उसके दीर्घायु जीवन, सुरक्षा, सफलता और संपन्नता की कामना करती हैं. बहन के इस स्नेह बंधन से बंधकर भाई उसकी रक्षा के लिए कृत संकल्प होता है। वहीँ भाई अपने बहनों की जीवन भर की रक्षा के लिए व्रत लेता है.
रक्षाबंधन का महत्व आज के समय में इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि आज मूल्यों के क्षरण के कारण सामाजिकता सिमटती जा रही है और प्रेम व सम्मान की भावना में भी कमी आ रही है। यह पर्व आत्मीय बंधन को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ हमारे भीतर सामाजिकता का विकास करता है। इतना ही नहीं यह त्योहार परिवार, समाज, देश और विश्व के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति हमारी जागरूकता भी बढ़ाता है।
इस साल 2021 में रक्षा बंधन का पर्व 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षा बंधन का पर्व हर साल सावन महीने की पूर्णिमा को होता है. पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त 2021 की शाम 03:45 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन 22 अगस्त को शाम 5.58 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के नियमानुसार रक्षा बंधन का त्योहार 22 अगस्त रविवार को होगा.
रक्षा बंधन 2021 शुभ मुहूर्त
- सावन पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 21 अगस्त 2021 की शाम 03:45 मिनट तक
- सावन पूर्णिमा तिथि का समापन: 22 अगस्त 2021 की शाम 05:58 मिनट तक
- रक्षा बंधन के लिए शुभ मुहूर्त: 22 अगस्त 2021 को सुबह 05:50 मिनट से शाम 06:03 मिनट तक.
- रक्षा बंधन की समयावधि: 12 घंटे 11 मिनट
बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए ऐसे सजाएं रक्षा बंधन की थाली. थाली में कुमकुम, हल्दी, अक्षत, राखी के साथ कलश में पानी और आरती के लिए ज्योति रखें. इसके साथ ही भाई की पसंदीदा मिठाई को भी थाली में रखें.