केंद्र सरकार ने बताया कि राज्यों से विभिन्न दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि पुलिस बल में महिलाओं को प्रतिनिधित्व 33 प्रतिशत तक बढ़ाएं। सरकार ने राज्यसभा को बताया कि फिलहाल एक जनवरी, 2022 तक महिला पुलिस कर्मियों का वास्तविक भागीदारी 11.75 प्रतिशत ही है।
विभिन्न राज्य सरकारों को महिला पुलिस का प्रतिनिधित्व बढ़ाने को कहा गया
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि विभिन्न अवसरों पर 22 अप्रैल, 2013 से लेकर 13 अप्रैल, 2022 तक विभिन्न राज्य सरकारों को महिला पुलिस का प्रतिनिधित्व बढ़ाने को कहा गया है। केंद्र सरकार चाहती है कि सभी राज्य सरकारें महिला पुलिस की भागीदारी बढ़ाकर 33 प्रतिशत कर दें। उन्होंने बताया कि ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट (बीपीआरएंडडी) के आंकड़ों के अनुसार एक जनवरी, 2022 तक भारत में सभी स्तरों पर महिला पुलिस कर्मियों की भागीदारी 11.75 प्रतिशत ही है।
जिन राज्यों में महिला पुलिस कर्मी बहुत कम
लद्दाख में महिला पुलिस कर्मियों का सर्वाधिक भागीदारी (28.3 प्रतिशत) है। इसके बाद आंध्र प्रदेश (21.7 प्रतिशत), चंडीगढ़ (21.6 फीसद) और बिहार (21.2 प्रतिशत) पर है। जिन राज्यों में महिला पुलिस कर्मी बहुत कम हैं, उनमें जम्मू-कश्मीर (3.2 प्रतिशत), त्रिपुरा (5.29 फीसद) और मेघालय (5.9 प्रतिशत) है।
गृह राज्य मंत्री राय ने बताया कि जम्मू और कश्मीर में वर्ष 2022 में सुरक्षा बलों के आतंक रोधी 111 अभियानों में कुल 187 आतंकी मारे गए हैं। आतंकी घटनाओं में 117 मुठभेड़ों हुई हैं। भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी के पूछे सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में 100 मुठभेड़ों में 129 आतंकियों की धरपकड़ की गई।