प्रदेश में पछुआ हवा की गति में तेजी आने से पूरा वातावरण धूल से भर गया है। राजस्थान से ज्यादा बिहार के वातावरण में धूलकण मौजूद हैं। मंगलवार को प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषण बक्सर में रिकार्ड किया गया। बक्सर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index-AQI) 332 रिकार्ड किया गया। वहीं राजधानी में प्रदूषण की मात्रा 323 एक्यूआई रही। राजधानी से सटे दानापुर में 316 एक्यूआइ की मात्रा रिकार्ड की गई। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 220 एक्यूआइ एवं अजमेर में 226 एक्यूआइ रिकार्ड की गई। बिहार जितना प्रदूषण दिल्ली में भी नहीं है, दिल्ली के वातावरण में 209 एवं नोयडा में 212 एक्यूआइ प्रदूषण रिकार्ड किया गया।
पछुआ की गति एवं मिट्टी की बनावट के कारण बढ़ा प्रदूषण
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा.अशोक कुमार घोष का कहना है कि वर्तमान में राज्य में काफी तेज पछुआ हवा चल रही है। ऐसे में पटना, बक्सर, एवं अन्य नदी किनारे बसे शहरों में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है। नदी के किनारे पड़ी बालू की परत हवा के साथ उड़कर शहर में पहुंच रही हैै। मैदानी इलाके में उड़ रही धूल से भी वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
राजधानी में सड़कों पर पड़ी धूलकण बनी जानलेवा
प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि गंगा के विशाल तट से हवा के साथ बालू के कण राजधानी के वातावरण मेंं पहुंच रहे हैं। इसके अलावा राजधानी की सड़कों पर पड़ी धूल की परत भी प्रदूषण को बढ़ा रही है। जब भी तेज हवा चलती है, उसके साथ बालू के कण वातावरण में भर जाते हैं। यही प्रदूषण का मुख्य कारण है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि वर्तमान में उड़ रही धूल बारिश के बाद ही कम होगीं। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में बारिश होगी तो प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा।
सांस के मरीजों की बढ़ सकती एलर्जी की समस्या
वातावरण में प्रदूषण बढ़ने से सांस के मरीजों में एलर्जी की समस्या गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे में पीएमसीएच के हार्ट रोग विशेषज्ञ डा.अशोक कुमार का कहना है कि सांस के मरीजों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। मास्क उनके लिए काफी उपयोगी हो सकता है। साथ ही शाम में साफ पानी से हाथ-पैर और चेहरे को अच्छी तरह से धोना बहुत जरूरी है। सांस पर नियंत्रण वाले योगाभ्यास से भी लोगों को लाभ मिल सकता है।
प्रदेश के प्रमुख शहर : प्रदूषण की मात्रा (एक्यूआइ में)
बक्सर : 332
मुंगेर : 306
पटना : 323
दानापुर : 316
मुजफ्फरपुर : 273
समस्तीपुर : 289
दरभंगा : 286
मोतिहारी : 269
आरा : 273
सिवान : 278
भागलपुर : 223
कटिहार : 258
औरंगाबाद : 267
प्रदेश में सबसे बेहतर वातावरण
पूर्णिया : 81
गया : 151
प्रमुख शहरों का एक्यूआइ
दिल्ली : 209
नोएडा: 212
फरीदाबाद : 240
गुडग़ांव : 270
मेरठ : 233
अजमेर : 226
जयपुर : 220
अंबाला : 208
ग्वालियर : 220
देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर
सिंगरौली : 340
दुर्गापुर : 334