कटिहार के सुधानी टेलता में बाढ़ में पटरी के नीचे की मिट्टी बह गई। जिसके कारण रेल ट्रैक लक्ष्मण झूला की तरह नजर आने लगा है। बाढ़ से घिरे लोग इस पर चलने को मजबूर हैं।
ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि प्रशासन का ध्यान इस ओर दिलाने के बाद अब यहां अब मरम्मत का काम शुरू किया गया है। उधर 51 और लोगों की बाढ़ में मौत हो गई है।
इस तरह अब तक मरने वालों की संख्या 350 के पार पहुंच गई है। समस्तीपुर में भी बाढ़ का 10 साल का रिकार्ड टूट गया है। बूढ़ी गंडक में उफान से शहर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
कोसी और सीमांचल में नदियों का पानी घटने से लोगों को राहत मिली है। लेकिन, सोमवार को समस्तीपुर और दरभंगा के नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।