किसानों को उपज का उचित मूल्य और बाजार मिल सके, इसके लिए सोनपुर रेलमंडल पार्सल के भाड़े में कमी करेगा। इसका फायदा व्यापारियों को भी होगा।
इसके लिए सीनियर डीसीएम ने तीन सदस्यीय सर्वे सेल टीम का गठन किया है, जिसने शनिवार से रेलमंडल से जुड़े विभिन्न जिलों के किसानों से बातचीत शुरू कर दी है।
टीम एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, उसके बाद पूर्व मध्य रेल के उच्चाधिकारियों से अनुमति प्राप्त कर कम किराए को पूरे सोनपुर रेलमंडल में लागू किया जाएगा। इससे यहां उत्पादित सब्जियां, फल, दूध, दही सहित अन्य उत्पाद दूसरे राज्यों में आसानी से भेजे जा सकेंगे।
29 क्विंटल गागल नींबू पवन एक्सप्रेस से मुंबई भेजा गया
मुजफ्फरपुर जंक्शन से शुक्रवार को 29 क्विंटल गागल नींबू पवन एक्सप्रेस से मुंबई भेजा गया। मुंबई के व्यापारी छठ पूजा को लेकर शीतगृह में स्टोर कर रहे हैं। दैनिक जागरण में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी।
इसके बाद रेल भाड़े से लाभ को देखते हुए सोनपुर रेलमंडल ने अन्य कृषि उत्पादों की ढुलाई को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इससे यहां उत्पादित कई तरह की सब्जियां, फल को अन्य राज्यों में आसानी से भेजा जा सकेगा।
सीनियर डीसीएम ने किसानों के साथ की थी बैठक
सब्जी बाहर भेजने के लिए सीनियर डीसीएम ने पिछले दिनों दर्जनों किसानों के साथ खुदीराम बोस पूसा स्टेशन पर बैठक भी की थी। इसके साथ बछवाड़ा से दही, घी, मक्खन, पनीर, खोआ भी भेजने पर बात हुई।
किसान पार्सल से बुक कराकर सब्जी भेजने को तैयार हो गए, लेकिन उन्होंने अधिक किराये का मुद्दा उठाया। समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर से ट्रेनों से बैंगन हावड़ा भेजने पर भी बात हुई है।
इसी के बाद सोनपुर रेलमंडल के डीआरएम विवेक भूषण सूद के निर्देशन पर सीनियर डीसीएम रौशन कुमार ने सबसे पहले पार्सल किराए को कम करने की कवायद शुरू की।
इसके लिए तीन सदस्यीय सर्वे सेल टीम का गठन किया है। इसमें कामर्शियल, आपरेटिंग और फाइनेंस के रेलकर्मियों को शामिल किया गया है।
कम किराए को पूरे सोनपुर रेलमंडल में लागू किया जाएगा
सर्वे सेल टीम अपनी रिपोर्ट सोनपुर सीनियर डीसीएम को सौंपेगी। इसके बाद पूर्व मध्य रेल के उच्चाधिकारियों से अनुमति प्राप्त कर कम किराए को पूरे सोनपुर रेलमंडल में लागू किया जाएगा।
हर महत्वपूर्ण मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में पार्सल ढुलाई का अलग-अलग स्लैब में किराया लगता है, जो महत्वपूर्ण और साप्ताहिकी ट्रेनें हैं, उसमें कम स्लैब का किराया है। अभी पवन एक्सप्रेस से सात रुपये प्रति किलो पार्सल का किराया है। साप्ताहिक ट्रेन से तीन रुपये प्रति किलो है।
फल व्यापारी संतोष कुमार ने बताया कि पहले वे सड़क मार्ग से मुंबई गागल नींबू भेजते थे। इसमें समय की बर्बादी के साथ किराया भी अधिक लग रहा था। रेल पार्सल से कम लागत एवं कम समय में भेजने के जानकारी के बाद इसका लाभ लेने का निर्णय लिया है। गागल नींबू के अलावा अन्य फलों को देश के विभिन्न भागों में रेलवे से भेजने की योजना है।