यूं तो आपने कई मिठाइयां चखी होगी. लेकिन अब जो मिठाइयों की बात कर रहे हैं वह भागलपुर से लेकर विदेश तक में प्रसिद्ध है. जी हां नाथनगर प्रखंड के कजरेली में बनने वाली लाल शाही के स्वाद का विदेश में भी डंका बज चुका है. यह मिठाई भैंस के दूध के छेने से तैयार होती है. इसकी खासियत यह है की इसे छान कर नहीं बल्कि रस में डूबा कर लाल किया जाता है. बाज़ार में इसकी कीमत 200 रुपया KG है.
मिठाई को खास पद्धति से तैयार किया जाता है. खाने में काफी सुहाना लगता है. इसलिए इसके स्वाद के दीवाने सभी हैं. कारीगर पप्पू कुमार ने बताया कि कई वर्षों से यह मिठाई कजरेली में बनते आ रही है. खास कर कजरेली इस मिठाई के नाम से प्रसिद्ध है. जो पूरे बिहार में नहीं मिलता है. इस मिठाई को तैयार करने के लिए शुद्ध दूध की आवश्यकता पड़ती है. पहले दूध को पूरी तरीके से उबाला जाता है. उसके बाद उसको फाड़ जाता है. तब जाकर उसके पानी को पूरी तरीके से निकाल कर छेना नुमा गोल-गोल बनाया जाता है. लेकिन सबसे खास बात इसमें यह होती है यह दिखने में तो लाल होता है लेकिन इसे छान कर लाल नहीं किया जाता है इसे रस में ही डालकर पूरी तरीके से लाल किया जाता है. जो लाल हो जाता है और इसका स्वाद काफी सुहाना हो जाता है.
कई जगहों से पहुंचते हैं ग्राहक
यहां भागलपुर से ही नहीं बल्कि कई जिले से इस मिठाई को लेने के लिए पहुंचते हैं. ग्राहक सुनील कुमार ने बताया कि यहां की मिठाई वर्षों पुरानी है. हम लोग अगर कहीं भी जाते हैं तो यहां की लालशाही लेकर जरूर जाते हैं. खासकर कभी अगर बाहर जाते हैं तो लोग भी यहां की लालशाही की ही डिमांड करते हैं. ₹200 प्रति किलो के हिसाब से यह मिठाई मिल जाती है. इसका स्वाद तो अपने आप में अनोखा रहता है. जो लोगों को अपनी ओर खींच लाता है.