बिहार के ग्रामीण इलाकों में भी अब धीरे-धीरे महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिलने लगा है. जमुई जिले की एक महिला इन दिनों चर्चा में है, जो कि अनपढ़ है, लेकिन इसके बावजूद वह पढ़ी-लिखी महिला उद्यमियों को टक्कर दे रही है. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी कमाई से कई लोगों को रोजगार देना भी शुरू कर दिया है. दरअसल जमुई जिला के सुदूर पैरामटिहाना के रहने वाली साजदा खातून नामक महिला ने नमकीन का कारोबार शुरू किया है और अब उनका टर्नओवर सालाना 2 करोड़ के करीब पहुंच गया है. साजदा महीने में 15 लाख का कारोबार करती हैं. वहीं, इस काम में अब उसके पति और बच्चे भी हाथ बंटाने लगे हैं.
हालांकि साजदा खातून की कहानी काफी संघर्षों से भरी है. दरअसल उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर यह धंधा शुरू किया था, लेकिन बिजनेस नहीं चला तो पैसा डूब गया. इसके बाद भी साजदा ने हार नहीं मानी. उन्होंने फिर से संघर्ष किया और वह अपनी सफलता के कारण बिहार के लिए मिसाल बनी हुई हैं.
20 साल से कर रही हैं कारोबार
साजदा खातून ने बताया कि नमकीन बनाने का काम पिछले 20 साल से कर रही हूं. इससे पहले काफी छोटे पैमाने पर यह काम किया करती थी. घर में ही नमकीन बनती थी और उसे घर में ही पैक कर बाजार में बेचती थी. इससे महीने में 10 से 15 हजार रुपए की आमदनी भी नहीं हो पाती थी. साथ ही बताया कि इस दौरान मेरे पति मो. शमीम काम करने के लिए परदेश चले गए, लेकिन वह एक हादसे का शिकार हो गए और उनका पैर टूट गया. इसके बाद मेरे कंधों पर ही पूरे परिवार की जवाबदेही आ गई. साजदा ने बताया कि इसके बाद मैंने कुछ बड़ा करने का सोचा और नमकीन बनाने की फैक्ट्री डाल ली. फैक्ट्री लगाने के लिए अपनी बचत और ग्रामीणों से कर्ज लेकर सबसे पहले कोलकाता से मशीन मंगवाई. जिसकी कीमत चार लाख थी. टैक्स बचाने के लिए जीएसटी का बिल नहीं भरा, लेकिन मशीन खराब निकल गई. दुकानदार ने उसे वापस लौटने से मना कर दिया. साजदा ने बताया कि उस मशीन को कबाड़ में बेचना पड़ गया. इस नुकसान ने उनके पूरे परिवार को तोड़ दिया और व्यापार का सपना ठंडे बस्ते में चला गया.
पुश्तैनी जमीन बेचकर अपने सपनों को किया साकार
साजदा पूरी तरह से अनपढ़ महिला हैं, लेकिन उद्यमिता के क्षेत्र में उनका कोई सानी नहीं है. जब मशीन खराब निकल गई और चार लाख रुपए डूब गए जो कर्ज लिया था. इसके बाद उन कर्जदारों का दबाव पड़ने लगा और लोग उनसे अपना पैसा वापस मांगने लगे. इसके बाद साजदा ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी. फिर उसी पैसे से अपना कर्ज भी चुकाया और नई मशीन भी मंगवा ली. इसके बाद अपने पूरे परिवार को साथ लेकर इसी कारोबार में जुट गईं. 4 साल बाद आज साजदा का सालाना टर्नओवर 2 करोड रुपये के करीब पहुंच गया है और इससे वह अच्छी खासी कमाई भी कर रही हैं. साजदा ने पिछले दिनों जमीन भी खरीद ली है, जिस पर वह अब अपनी नई फैक्ट्री लगाने वाली है.