पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार सिंह मामले में बड़ा अपडेट, बिल्डर राजू सिंह की पत्नी ने बताया जान को खतरा

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बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार सिंह उर्फ कार्तिकेय सिंह के खिलाफ चल रहे बिल्डर राजू सिंह के अपहरण मामले में बड़ा अपडेट आया है। बिल्डर राजू की पत्नी दिव्या सिंह ने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। दिव्या का कहना है कि कार्तिक कुमार की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्हें आरोपी पक्ष की ओर से समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है।

बिल्डर राजू सिंह की पत्नी दिव्या का एक नवीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह सुरक्षा की गुहार लगाते हुए नजर आ रही हैं। हालांकि, हिंदुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। दिव्या का कहना है कि पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार पर आरोप लगने के बाद उनके परिवार पर समझौता करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। बीते 20 अगस्त को ही कुछ लोग उनके पति राजू सिंह से मिलने बेऊर जेल गए थे। उन्होंने राजू को समझौता करने वरना अंजाम भुगतने की धमकी दी। बता दें कि अभी बिल्डर राजू सिंह पटना की बेऊर जेल में बंद हैं।

इस मामले में पटना एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि उन्हें दिव्या सिंह ने सुरक्षा प्रदान करने को लेकर एक आवेदन दिया था। दिव्या अपहरण कांड की गवाह हैं। महिला के आवेदन पर गवाह सुरक्षा योजना के तहत जिला अभियोजन पदाधिकारी को अनुशंसा की गई है। एक चैनल से बातचीत में मंगलवार को दिव्या ने कहा कि उनकी जान को खतरा है, मगर अभी तक पुलिस की ओर से उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है।

दूसरी ओर, नीतीश सरकार में मंत्री रहे कार्तिक कुमार सिंह अपहरण केस में जल्द गिरफ्तार हो सकते हैं। पिछले दिनों दानापुर कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जिसे तामील कराने के लिए पुलिस उनके ठिकानों पर पहुंची। मगर कार्तिक अपने मोकामा और पटना स्थित घर पर नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में तामील का प्रतिवेदन वापस जमा करा दिया है। अब अदालत कार्तिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करेगी। इसके बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करेगी। इससे पहले अदालत ने कार्तिक कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

क्या है मामला?

पटना जिले के बिहटा में 2014 में राजू सिंह बिल्डर का अपहरण हुआ था। इस केस में कार्तिक कुमार को आरोपी बनाया गया। बाहुबली नेता अनंत सिंह भी सह आरोपी हैं। पिछले महीने कार्तिक के महागठबंधन सरकार में मंत्री बनने के बाद यह केस चर्चा में आया। उनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था। आरोप है कि जिस दिन कार्तिक को कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन वे राजभवन में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। विवाद बढ़ने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने उनका विभाग बदल लिया था। इसके कुछ घंटों बाद ही उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।

 

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