पूर्णिया प्रमंडल आदिवासी छात्र एवं युवा समिति के सरना फुटबॉल क्लब के कप्तान अभिजीत हेंब्रम का चयन दूसरी बार संतोष ट्रॉफी के लिए हुआ है. कोच अमित लकड़ा सहित जिले के खेल प्रेमी काफी खुश हैं. अमित कहते हैं कि अभिजीत एक शानदार खिलाड़ी के साथ-साथ एक शानदार इंसान भी है. वे फुटबॉल के प्रति इस कदर दीवाने हैं कि हर कुछ छोड़ के 5 से 6 घंटा मैदान में प्रैक्टिस करते हैं.
अभिजीत का कड़ी मेहनत के बल पर पहली बार भी संतोष ट्रॉफी के लिये चयन हुआ था. लेकिन भाग्य और कुछ कमी होने से मुकाम नहीं मिला. इस बार दूसरी बार मौका मिला है. अभिजीत ने कहा फुटबॉल प्रतियोगता में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने और पूर्णिया का नाम रोशन करना चाहते हैं. वही उनके पिता राजेंद्र हेंब्रम साधारण किसान हैं. जिन्होने अपने बेटे की कामयाबी पर खुश होकर बेटे की पीठ थपथपाया.
अभिजीत हेंब्रम का संतोष ट्रॉफी के लिए दूसरी बार चयन होने पर पिता राजेंद्र हेंब्रम काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि किसान का बेटा है. बहुत अभाव में खेल कर आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा जब बेटा असली मंजिल पर पहुुंचेगा तब पूरी खुशी होगी. जब वो देश के लिए खेलेगा तो सीना चौड़ा हो जायेगा.
अभिजीत हेंब्रम फुटबॉल के प्रति इस कदर दीवाने हैं कि हर कुछ छोड़ के 5से 6 घंटा मैदान में प्रैक्टिस करते हैं. उसके प्रैक्टिस के चलते ही उसके खेल में जबरदस्त निखार आया है. जिसके चलते उसकी दूसरी बार संतोष ट्रॉफी के लिए चयन हुआ है.
फुटबॉल जिला कोच रजनीश पांडेय ने बताया कि अभिजीत कभी पूर्णिया एकलव्य टीम में शामिल होना चाहता था, लेकिन उसका चयन नहीं हो सका. 2018 में स्कूल गेम अंडर-19 में खेलने खगड़िया गया था. फिर आसनसोल के सेल फुटबॉल एकेडमी में चयन हुआ. बर्नपुर क्लब के लिए खेला. एक दिन वह इंडियन फुटबॉल टीम में खेले यह सभी का सपना है. वह स्ट्राइकर और डिफेंडर है