पुणे के रहने वाले आदित्य तिवारी, जिन्होंने 2016 में डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक बच्चे को गोद लिया था, उन्हें रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘बेस्ट मॉमी ऑफ द वर्ल्ड’ दुनिया की सबसे बेहतरीन मां) के खिताब से नवाजा जाएगा.
आदित्य तिवारी जो कि अपने बेटे कि एक सिंगल पेरेंट (Single Parent) के तौर पर देख-रेख कर रहे हैं, उन्होंने कहा है कि वे मानते हैं कि पेरेंटिंग जेंडर आधारित काम नहीं है.

‘मैंने कभी खुद को किसी किरदार में नहीं डाला, न ही मां- न ही पिता’
आदित्य तिवारी ने ANI को बताया, ‘डेढ़ साल के संघर्ष के बाद मुझे 1 जनवरी, 2016 को अवनीश की कानूनी कस्टडी मिली. तबसे हमारी यात्रा बहुत ही साहसिक रही है. वह ईश्वर के सबसे अच्छे उपहारों में से एक है और मैं सौभाग्यशाली महसूस करता हूं. मैंने कभी भी खुद को किसी भी किरदार में नहीं डाला, न ही माता और न ही पिता, मैंने हमेशा कोशिश की कि उसके लिए एक अच्छा पेरेंट और एक अच्छा इंसान बनूं.’


‘अच्छी बात यह कि अवनीश ने मुझे पेरेंट के तौर पर स्वीकारा’
आदित्य तिवारी ने यह भी कहा, ‘अवनीश ने मुझे सिखाया कि एक पेरेंट कैसे बनें. यह एक स्टीरियोटाइप (Stereotype) है कि केवल एक महिला ही एक बच्चे की देखरेख कर सकती है, जिसके चलते मुझे गोद लेते समय कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सबसे अच्छी बात यह है कि अवनीश ने मुझे एक पेरेंट के तौर पर स्वीकार किया है.’


देखरेख के लिए छोड़ दी नौकरीआदित्य तिवारी ने आईटी फार्म की अपनी नौकरी छोड़ दी और विशेष बच्चों की देखरेख के लिए उनके माता-पिता को सुझाव देने का काम शुरू कर दिया. मानसिक असमर्थता वाले बच्चों के लालन-पालन के तरीकों पर बात करने के लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में भी आमंत्रित किया जा चुका है.
Sources:-News18