मिथिला राज के इतिहास का गवाह है राजनगर का ये किला

इतिहास

ये राजनगर है, खंडहरों का शहर राजनगर भारत नेपाल सीमा से सटे शहर राजनगर को बसाने की योजना 1890 के आसपास बनी। कहने को ये आज दरभंगा प्रमंडल और मधुबनी जिले का एक प्रखंड मुख्यालय मात्र है।

लेकिन इसकी पहचान अपने आप में अलग है। इसके बसने और ढहने की कहानी भी टाइटैनिक से कम नहीं है। जिस शहर को इस दावे के साथ खडा किया गया था कि इससे मजबूत इमारत और कहीं नहीं है, वो शहर संपूर्णता के महज पांच साल बाद खंडहरों में तब्दील हो गया।
ब्रिटिश वास्तुकार डॉ एम ए कोरनी ने संभवत: एशिया में सबसे पहले सीमेंट का प्रयोग राजनगर में ही किया था। कहा जाता है कि 1894 में बने राजनगर सचिवालय के लिए ब्रिटिश वास्तुकार डॉ एम ए कोरनी ने खास तौर पर सीमेंट तकनीक को ईजाद किया था।

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