पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल को भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर विचार करेगी, ताकि इनके दाम में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रहे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वर्तमान वृद्धि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में हुई वृद्धि का असर है।
मंत्री ने कहा कि सुधार जारी रहेगा। हालांकि उन्होंने कीमतों की दैनिक समीक्षा में सरकारी हस्तक्षेप से इनकार किया। ज्ञातव्य है कि पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी से बाहर रखा गया है। पहले की तरह राज्य सरकारें इन पर वैट लगाती हैं, जिससे राज्य दर राज्य इनकी कीमतों में भारी अंतर देखने को मिलता है। इस साल 16 जून से देश भर में पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय किए जा रहे हैं।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी ऑयल इंडिया की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार इस साल 13 जुलाई के बाद से 61 दिन में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं की गई। पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 13 जुलाई को 63.91 रुपये थी जो बढ़कर 13 सितंबर को 70.38 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है।