कहलगांव यात्रा के दौरान बिहार के भागलपुर में मंच पर से लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा की विक्रमशिला को सिर्फ म्यूजियम नहीं चाहिए, बल्कि वो चाहते हैं की विक्रमशिला में यूनिवर्सिटी बनाई जाये। संबोधन के दौरान जब राष्ट्रपति ने विक्रमशिला में यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही तो भीषण गर्मी में उन्हें सुनने आये हजारों की भीड़ तालियां की गड़गड़ाहट गूँज उठी।
अपने संबोधन में प्रणब मुख़र्जी ने कहा- जब मैं कॉलेज में पढता था तभी से मेरी इच्छा थी कि मैं विक्रमिशला महाविहार को देखूं। मेरी ये तमन्ना आज पूरी हुई। ये मेरी दिली इच्छा है की यहां विक्रमशुल में एक बड़ा यूनिवर्सिटी बनाया जाना चाहिए। साथ ही मंच पर बैठे अन्य गणमान्य नेताओं ने भी यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर अपनी सहमति दी।
आर्कियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया के काम की तारीफ करते हुए प्रणव मुखर्जी ने कहा की उनके द्वारा किये जा रहे अच्छे काम को जनता के सहभागिता की आवश्यकता है।
अपनी कमजोर हिंदी के लिए भागलपुर की जनता से माफी मांगते हुए कहा कि मैं सही से नहीं बोल पाया, मुझे हिंदी बोलने में कठिनाई हुई। लेकिन जो भी टूटी-फूटी हिंदी आती थी मैंने बोला।
साथ ही लोगों का उत्साह देख कर उन्होंने कहा की उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतनी गर्मी में इतने बड़ी तादाद में लोग उनकी बातें सुनने और देखने आएंगे।