विवाह पंचमी : ‘जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू, सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू’ रामचरित मानस के इस चौपाई का पाठ दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए जरूर करें। इसके अलावा इस चौपाई का पाठ करने से आपको मनचाहा पति व पत्नी की प्राप्ति होगी। आप जिसे चाहते हैं, दिल से चाहते हैं, उसके साथ आप धोखा नहीं करेंगे… ऐसे वर या वधू पाने वाले इस चौपाई का पाठ करें। आपका प्यार सच्चा है वह आपको जरुर मिलेगा।
वृंदावन के धर्माचार्य वेंकटेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि राम व सीता का जीवन आदर्श है। प्रत्येक लड़कियों की इच्छा होती है कि उसका पति राम के जैसा हो। लड़कों की भी इच्छा होती है सीता जैसी उसे पत्नी मिले। इसलिए जिस दिन सीता व राम की शादी हुई है, उस दिन आप अपने घर में रामचरितमानस से सीता राम विवाह प्रसंग जरुर पढें। साथ ही ‘जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू, सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू’ इस चौपाई का जाप करें। प्रेमी-प्रेमिका को भी इस चौपाई का पाठ करना चाहिए, जिससे दोनों के विवाह होने संभावना बनेगी। लेकिन दोनों का प्यार पवित्र हो।
विवाह पंचमी है खास
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 नवंबर को है। इस दिन विवाह पंचमी है। विवाह पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। विवाह पंचमी पर भागलपुर शहर के ठाकुरबाड़ीओं, देवालयों, भगवान राम और माता सीता के मंदिरों में भव्य आयोजन के साथ विशेष पूजा अर्चना विधि-विधान से किया जाएगा। मंदिरों को सजाया जाएगा। इस दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह की कथा पढ़ने का विशेष महत्व बताया गया है।
शुभ है यह दिन
इस बार इस दिन उत्तराषाढ़ नक्षत्र, वृद्धि योग के साथ रवि योग, जयद योग के युग्म के संयोग में विवाह पंचमी मनाया जाएगा। जो अति शुभ फलदाई होगा। संध्या के समय मंदिरों में महा आरती के साथ भजन कीर्तन किया जाएगा। बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक बाल्मीकि सिंह ने बताया कि विवाह पंचमी के दिन राम दरबार को फूलों से सजाया जाएगा। पंडितों द्वारा सभी के कल्याणार्थ विशेष पूजा और अनुष्ठान किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम और माता सीता आदर्श पति पत्नी थे। इस दिन उनका व्रत और पूजन करने से विवाह से संबंधित बाधाएं दूर हो जाती हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। विवाह पंचमी को लेकर शहर में चहल-पहल बढ़ गई
विवाह पंचमी के अवसर पर चार दिवसीय मेला 28 से
मधेपुरा के सिंहेश्वर प्रखंड क्षेत्र के सुखासन स्थित परवाने नदी के तट पर विवाह पंचमी के अवसर पर भव्य मेला का आयोजन किया जा रहा हैं। इस मेला का मुख्य आकर्षण केंद्र कुश्ती प्रतियोगिता रहेगी। वहीं मेला कमेटी के अध्यक्ष व सुखासन मुखिया किशोर कुमार पप्पू ने बताया कि राम जानकी विवाह पंचमी के अवसर पर चार दिवसीय मेला 28 नंवबर से एक दिसंबर तक कार्यक्रम किया गया हैं। सोमवार को 24 घंटे का हरिकीर्तन, मंगलवार को संध्या छह बजे से राम जानकी विवाह, बुधवार को दोपहर एक बजे से कुश्ती प्रतियोगिता एवं रात आठ बजे से संगीत संध्या, गरुवार को भी दोपहर एक बजे से कुश्ती प्रतियोगिता व रात आठ बजे से संगीत संध्या का आयोजन किया जाएगा। वहीं मेला में विभिन्न प्रकार के राम झूला, ब्रेक डांस, ड्रेगन व बच्चों के लिए भी कई तरह झूले लगाए गए हैं
श्रीराम-जानकी विवाह आज
राम विवाह को लेकर सुपौल पीपरा के तेतराही अमहा पिपरा में तैयारी जोरों पर है। मूर्ति कलाकारों के द्वारा मूर्ति को अंतिम रूप दिया जा रहा है वहीं मंदिर परिसर में सजाने की काम चल रहा है। मूर्ति कलाकार गोपाल पोद्दार ने बताया कि लगभग एक माह से मूर्ति बनाने की कार्य कर रहे हैं जिसमें श्रीराम, सीता माता, गणेशजी व शंकरजी सहित 14 प्रकार की मूर्ति का निर्माण किया गया है। बताया कि देर संध्या तक मूर्ति सजाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राम विवाह स्थल पर कलश यात्रा के साथ रामायण पाठ का कार्यक्रम चल रहा है। मंदिर परिसर में राम विवाह को लेकर भव्य पंडाल सजाने का कार्य किया जा रहा है। राम विवाह के साथ यहां लगभग एक माह के मेला का भी आयोजन किया जाता है। मेला में मीना बाजार, सर्कस, राम झूला, ड्रैगन झूला आदि लगाया गया है।
कमेटी के अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि सोमवार को होने वाले राम विवाह को लेकर पिपरा से ढोल बाजे के साथ बारात आएगी। इसके लिए मेला कमेटी के द्वारा खास व्यवस्था की गई है। राम जानकी विवाह के बाद मंगलवार से यज्ञ के साथ अयोध्या, जनकपुर नेपाल के महात्माओं के द्वारा प्रवचन का कार्यक्रम रखा गया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को दिक्कत नहीं हो इसके लिए कमेटी के द्वारा युवकों की टीम बनाई गई है जो निगरानी करेगी। मालूम हो कि इस स्थल पर लगभग 35 वर्षों से राम विवाह के साथ-साथ मेला का आयोजन किया जाता है। विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी रहने के कारण बाधाएं थी लेकिन इस बार मेला कमेटी के द्वारा मेला आयोजन की तैयारी की जा रही है।