बिहार छपरा के रहने वाले जिस प्रभाकर शरण को बॉलीवुड ने कभी रिजेक्ट कर दिया था, अब वो हॉलीवुड फिल्म में लीड एक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं। इनदिनों वे बिहार में हैं। दरअसल, उन्होंने एक हॉलीवुड फिल्म बनाई थी जिसे अब वे हिंदी और भोजपुरी में यहां रिलीज कर रहे हैं।
फिल्म में WWE के फाइटर स्कॉट स्टाइनर के साथ डॉयलॉग बोलते नजर आएंगे। इस फिल्म का नाम ‘एक चोर दो मस्तीखोर’ रखा गया है जो 10 नवंबर को हिंदी में और आठ दिसंबर से भोजपुरी में बिहार-झारखंड के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
ऐसी है प्रभाकर की रियल लाइफ स्टोरी
– पटना में बात करते हुए प्रभाकर ने बताया कि उन्होंने फिल्म स्क्रिप्ट लिखी है। साथ ही लीड रोल भी किया है। फिल्म का ऑरिजिनल नाम ‘एनरेडाडोसः ला कन्फ्यूजन’ है।
– फिल्म का डायरेक्शन आशीष आर मोहन ने किया है। फिल्म में फाइटर स्कॉट भोजपुरी भाषा बोलते नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि फिल्म की कहानी लियो के ऊपर है जो प्यार और दौलत के चक्कर में उलझा रहता है।
– एक डकैती के दौरान उसकी मुलाकात एना से होती है, धीरे-धीरे दोनों में इश्क हो जाता है। फिल्म की शूटिंग कोस्टारिका में की गई है।
पटना के सेंट्रल स्कूल से हुई है स्कूलिंग
– पटना के सेंट्रल स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई करने वाले प्रभाकर ने स्ट्रगल के दिनों में कपड़े की दुकान भी खोली थी।
– प्रभाकर ने बताया कि जब उन्होंने बॉलीवुड में एक्टिंग के बारे में सोचा था तो वे मनोज वाजपेयी के पिता के पास पहुंचे थे।
– फिर प्रभाकर ने उनसे एक लेटर लिखवाया और उसे लेकर बॉलीवुड के कई डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के पास पहुंचे, लेकिन सभी ने मना कर दिया।
– इसके बाद प्रभाकर बिजनेस के सिलसिले में लैटिन अमेरिका के कोस्टारिका पहुंच गए। वहां उन्होंने मुल्तानी मिट्टी, अगरबत्ती और लकड़ी बेचना शुरू किया।
– फिर टेक्सटाइल बिजनेस में कदम रखा और उसके बाद फिल्म वितरण में। इसके बाद ‘मॉन्सटर ट्रक जैम शो’ में भी काम किया।
– फिर प्रभाकर ने कोस्टारिका में बॉलीवुड की पांच-छह फिल्में रिलीज करवाई। उन्होंने साल 2006 में लैटिन अमेरिका में अक्षय कुमार की फिल्म ‘गरम मसाला’, ‘कहो न प्यार है’, ‘बनारस’ जैसी फिल्म रिलीज की। उस समय वे 20-25 लाख रुपए में फिल्में खरीदते थे, जबकि आमदनी 2 से 3 लाख तक ही होती थी।
मां-पिता ग्रामीण बैंक में हैं मैनेजर
– प्रभाकर के पिता प्रभुनाथ शरण और मां शुभद्रा प्रसाद रिटायर्ड बैंकर हैं। फिलहाल, वे मोतिहारी में रहते हैं।
– प्रभाकर ने बताया कि कोस्टारिका में सक्सेस नहीं मिलने के बाद पैसों की किल्लत होने लगी, जिसके बाद वे इंडिया लौटने पर मजबूर हो गए।
– साल 2010 से चार साल तक पंचकूला में रहे। इस दौरान उनकी पत्नी उनसे अलग हो गईं और अपनी बेटी को लेकर वापस कोस्टारिका चली गईं।
– प्रभाकर ने बहुत टेंशन का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वे दोबारा कोस्टारिका लौट आए।