देश के लिए बढ़ती हुई जनसंख्या एक बड़ी समस्या रही है. इस समस्या के निदान के लिए लगातार कानून बनाने की मांग की जा रही है. असम सरकार ने आगे आते हुए इसके लिए विशेष पहल की है. वहीं, उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की चर्चा जोरों पर है. बिहार में भी बीजेपी के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग लगातार की जाती रही है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए सिर्फ कानून बना देने को काफी नहीं मानते हैं. उनका मानना है कि जो पहल बिहार सरकार ने की है उससे वर्ष 2040 तक बढ़ती हुई जनसंख्या पर काबू पाया जा सकता है.
सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून और कॉमन सिविल कोड पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण का कानून बना देने से यह संभव नहीं. इसके लिए महिलाओं को भी शिक्षित होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब हमने बालिका शिक्षा पर ध्यान दिया तो रिजल्ट दिखने लगा. बिहार में आज प्रजनन दर घटते-घटते तीन के नीचे आ गया है. हम समझते हैं कि वर्ष 2040 तक स्थिर हो जाएगा. इसके बाद प्रजनन दर में कमी आने लगेगी.

सीएम नीतीश ने कहा कि हमलोग महिलाओं को शिक्षित करने पर काम कर रहे हैं. बहुत लोगों की सोच है कि सिर्फ कानून बना देने से जनसंख्या पर नियंत्रण हो जाएगा. जबकि हमारी स्पष्ट सोच है कि सिर्फ कानून से नहीं बल्कि महिलाओं को शिक्षित करने से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैसे पढ़े-लिखे लोग भी कई बच्चे पैदा करते हैं. सबकी अपनी-अपनी सोच है, हर राज्य का इस पर अपना विचार है. हमें उसमें नहीं पड़ना है. लेकिन हमारी समझ से कानून से अधिक महिला शिक्षा जरूरी है.
वहीं, कॉमन सिविल कोड पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ यही कानून क्यों, बल्कि शराबबंदी भी देश भर में होनी चाहिए. शराबबंदी भी पूरे देश में हो, यह भी तो होना चाहिए.