डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में एक साल में 50 माइक्रोन तक के पॉलिथीन बैग पर प्रतिबंध लग सकता है। महाराष्ट्र में प्रतिबंध लग चुका है। उन्होंने लोगों से वन टाइम सिंगल यूज वाले पॉलीबैग का उपयोग नहीं करने की अपील की। कहा- हमारा थीम है, थींक ग्लोबली एक्ट लोकली। इस अवधारणा पर ही पर्यावरण और वन विभाग के चिड़ियाघर समेत सभी पार्कों और राज्य के संरक्षित स्थलों पर पॉलिथीन बैग ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उन्होंने कहा- पाउच और प्लास्टिक बोतल में पेय पदार्थ बेचने वाली कपंनियों को उसे वापस लेने की व्यवस्था करनी होगी। कम्फेड से भी कहा जाएगा कि वह सुधा दूध के खाली पॉलीबैग को कुछ पैसे देकर वापस लेने की व्यवस्था करे। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वे पटना के 100 बड़े मॉल और स्टोर के संचालकों के साथ बैठक कर पॉलिथीन बैग पर रोक लगाने की पहल करें। अभी पटना समेत पूरे राज्य में 40 माइक्रोन से कम के पॉलिथीन बैग पर रोक है।
2022 तक वन टाइम सिंगल यूज वाले प्लास्टिक पर रोक संभव : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्लास्टिक प्रदूषण दूर करो अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि प्लास्टिक भस्मासुर बन चुका है। पटना में जलजमाव का मुख्य कारण नालों का पॉलीथिन बैग से भर जाना है। उन्होंने दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण पर हुए अंतरराष्ट्रीय बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2022 तक वन टाइम सिंगल यूज वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।
आज आतंक बन चुका है प्लास्टिक : विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विज्ञान का अनियंत्रित उपयोग अभिशाप बन जाता है और इसका ज्वलंत उदाहरण प्लास्टिक है। प्लास्टिक अब आतंक बन चुका है। पर्यावरण संरक्षण के लिए औद्योगिक क्रांति और जनसंख्या विस्फोट पर भी ध्यान देने की जरूरत है।