मुजफ्फरपुर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रेल पुलिस ने एक शानदार पहल की है। रेल पुलिस ने जंक्शन पर घूमने वाले लावारिस बच्चों के लिए रेल पुलिस पाठशाला शुरू की है। रेल एसपी डॉ. कुमार आशीष के द्वारा इस अनोखी पहल की शुरुआत की गई है।
अनोखी पहल से प्लेटफॉर्म पर भटकने वाले लावारिस और जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। इसके तहत स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रेल पुलिस मुजफ्फरपुर ने करीब दो दर्जन बच्चों को अज्ञानता और संभावित अपराध की दुनिया से आजादी देने की कोशिश की।
उद्घाटन के बाद रेल एसपी कुमार आशीष खुद बच्चों को शिक्षा दी। इसके लिए सबसे पहले सूची तैयार की गई थी, जिसके बाद शुरुआत की गई। सभी बच्चों को बैग, किताब, कॉपी, स्लेट, पेंसिल और कलम दिया गया। कुछ दिन तक इन बच्चों को पढ़ाने के बाद नजदीकी सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवाया जायेगा।
रेल पुलिस पाठशाला स्कूल के समय के बाद चलेगी। एसपी ने बताया कि इसे लेकर बच्चों में काफी उत्साह है। कई बच्चों ने पुलिस इंस्पेक्टर बनने की इच्छा जताई।
रेल एसपी ने कहा कि कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता अगर ठान लें। इन बच्चों में भी हुनर और काबिलियत है। ये भविष्य में अच्छा करेंगे और पुलिस-प्रशासन के मददगार साबित होंगे।
बेहतर समाज की अवधारणा को मिला बल
सामुदायिक पुलिसिंग के तहत वर्तमान रेल एसपी ने ऐसे कई प्रयोग पूर्व में विभिन्न जिलों में एसपी के रूप में किये हैं, जिससे अपराध पर नियंत्रण और बेहतर समाज की अवधारणा को लगातार बल मिला है।
आज भी उनके प्रयासों को मधेपुरा, नालंदा, किशनगंज और मोतिहारी की जनता बड़ी ही शिद्दत से याद करती है, जिसकी बानगी उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर झलकती रहती है।
अच्छा नागरिक बनाना उद्देश्य
रेल एसपी ने बताया कि रेल पुलिस पाठशाला की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य जिन बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाई है, उन बच्चों को शिक्षा-दीक्षा मुहैया कराई जाए। इससे वह अच्छा नागरिक बन सके। साथ ही अच्छी शिक्षा और संस्कार ले सकें।
आगे इन बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी कराया जाएगा ताकि यह बच्चे अपराध की दुनिया में न प्रवेश करें ना ही इनके माध्यम से कोई अपराध बढ़ सके।
ये पुलिस और प्रशासन के मददगार साबित हो भविष्य में अच्छे नागरिक बन सकेंगे. शिक्षक के रूप में रेल पुलिस के महिला सिपाहियों, जवानों और विभिन्न श्रेणी के पदाधिकारियों के माध्यम से अलख जगाया जा रहा है।