विश्वस्तरीय पितृपक्ष मेले में रूस, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी व सेंट पीटर्स से आये एक पति-पत्नी व 13 महिलाओं ने किया श्राद्धकर्म
गयाजी में आयोजित विश्वस्तरीय पितृपक्ष मेले में रूस, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी व सेंट पीटर्स से आये एक पति-पत्नी व 13 महिलाओं ने शुक्रवार को आत्मिक अनुभूति के साथ देवघाट पर श्राद्धकर्म कर अंत:सलिला फल्गु नदी में तर्पण किया। इस विदेशी दल के साथ आये धर्मगुरु लोकनाथ दास गौड़ व उनकी पत्नी ने श्राद्धकर्म की प्रक्रिया पूरी करायी।
धर्मगुरु ने बताया कि रसिया में रहनेवाले नताशा सैफ्रोना उनके धार्मिक गुरु हैं। वह रसिया के बहुत बड़े धार्मिक गुरु हैं। ये सभी उनके शिष्य हैं। धार्मिक गुरु नताशा सैफ्रोना करीब पांच वर्ष पहले गयाजी आयी थीं।
गयाजी भ्रमण के दौरान उन्होंने पितरों की आत्मा की शांति को लेकर पिंडदान व तर्पण जैसे धार्मिक अनुष्ठान से अवगत हुई थीं।
गयाजी से लौटने के बाद धार्मिक गुरु सैफ्रोना ने अपने शिष्यों को गयाजी में होनेवाले पिंडदान व तर्पण को लेकर प्रेरित किया। इसी भावना को लेकर विदेशी टिटोवा मरीना, सरेंडो एकातेरो, समाइया देजारोव, जुल्कार नीवा जुल्फ, इप्रिंटसेवा यूलिया, इबेगेनिया क्रानिच, एन बेरोन, फिल्कोवा एरिना सहित अन्य महिलाएं गयाजी आयी हैं।