दरभंगा जिले के लक्ष्मेश्वर सिंह लाइब्रेरी परिसर में हजारीबाग से आए कारीगरों के द्वारा पीतल पत्र से निर्मित विभिन्न प्रकार की कारीगरी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. पीतल की महीन कारीगरी देखकर आप भी प्रसन्न हो जाएंगे. यहां पीतल का हाथी, मछली, कछुआ के साथ टू फिंगर, थ्री फिंगर और फोर फिंगर नकाशी देखकर आप भी अचंभित हो जाएंगे. यहां पर एक से एक डिजाइन में आपको घर की सजावट वाली सामान बेहद कम कीमत पर मिलेगी.
साइकिल पर सवार आदिवासी जोड़ों ने किया आकर्षित
इस स्टॉल पर लोगों को सबसे ज्यादा अपनी ओर आकर्षित करता झारखंड के परिदृश्य को दर्शाती वहां की वेशभूषा में बनी पीतल की साइकिल पर सवार आदिवासी जोड़े. वही साथ में आदिवासी लूक में ढोल बजाते पीतल से निर्मित कारीगरी लोगों को अपनी ओर लुभा रही है. झारखंड के हजारीबाग जिले के कुहेट गांव से आई टिंकू कुमारी हस्तशिल्प कल को आगे बढ़ा रही है.
टिंकू बताती है कि हस्तशिल्प विकास केंद्र हजारीबाग के द्वारा यहां आई हूं मैं छोटा सा गांव कुहेट की रहने वाली हूं. जो झारखंड के हजारीबाग जिले में पड़ता है. अपने गांव में 10 महिला मिलकर पीतल की कारीगरी का काम करती है.
बनाने में लगता है बहुत मेहनत
टिंकू कुमारी ने बताया कि इसको बनाने में बहुत मेहनत लगता है. जैसे पहले मिट्टी का काम करते हैं फिर मोम का डिजाइन बनाते हैं, उसके बाद धूमल से डिजाइन मारते हैं. उसके बाद हल्की मिट्टी से लैप लगते हैं.
पीतल का बना टू फिंगर कारीगरी का दाम ₹300 और थ्री फिंगर का दाम ₹500 है. क्योंकि पीतल का दम तो बहुत है. घर की महिला काम करते हैं. गांव में महिला मंडल नाम से संस्था बनाई हुई हैं. वह सभी मिलकर यह काम करते हैं. साइकिल पर सवार झारखंड की कल्चर को दिखाता तस्वीर 1800 रुपए का बिक रहा है.