पिंडदान के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं गया? तो घर में ऐसे करें श्राद्ध, पंडित ने बताई ये विधि

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 पितृपक्ष की शुरुआत 28 सिंतबर से हो रही है. ऐसे में गयाजी में लाखों लोग आकर अपने पूर्वजों को मोक्ष प्रदान करवाएंगे. ऐसी स्थिति में अगर आप गया नहीं आकर घर पर ही पिंडदान करना चाहते हैं तो इस विधि से इसको पूरा कर सकते हैं. गया के पंडित राजा आचार्य ने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष की शुरुआत 28 सितंबर से हो रही है, जो 14 अक्टूबर तक चलेगी. इस दौरान देश विदेश से लाखों श्रद्धालु गया पहुंचेंगे. अपने पूर्वजों का पिंडदान करेंगें.

अगर आप किसी कारणवश गया तीर्थ नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो जानिए घर पर कैसे श्राद्ध करेंं. जिससे  पितरों कीआत्मा को शांति मिल सके. गया वैदिक मंत्रालय पाठशाला के पंडित राजा आचार्य के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश गया तीर्थ नहीं आ सकते हैं तो वह अपने घर पर ही पिंडदान की विधि को पूरा कर सकते हैं.

जानिए कैसे करेंगे पिंडदान

पंडित राजा आचार्य ने कहा कि इसके लिए अपने घर के आसपास नदी, तालाब में स्नान कर गया क्षेत्र का ध्यान लगाते हुए अपने पितरो का तर्पण करें. किसी ब्राह्मण के द्वारा श्राद्ध कर्म, तर्पण, ब्रह्म भोजन, पञ्चबलि कार्य कर सकते हैं. पितरों के मोक्ष के लिए एक बार गया तीर्थ जरुर करना चाहिए. बार-बार गया आकर अपने पूर्वजो का श्राद्ध करने से आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य की वृद्धि होती है. जितने बार गया में श्राद्ध करेंगे पितृ उतनी बार प्रसन्न होकर विशेष आशीर्वाद देते हैं.

माता-पिता के लिए श्राद्ध करना अनिवार्य
इस पितृ पक्ष में आपकी माता पिता या फिर अगर दोनों की मृत्यु हो चुकी है तो फिर आपको श्राद्ध करना अनिवार्य है. आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से आश्विन अमावस्या तक के बीच आपको यह करना है. इस बार 28 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच ही आपको यह श्राद्ध कर्म करना है. इस दौरान आपको इस पूरे दिनों तक जल, तिल, फूल से पितरों का तर्पण रोज करना चाहिए. इसी तरह से जिस भी तिथि को आपके माता या पिता की मृत्यु हुई है या फिर दादा या परदादा की हुई है तो उस तिथि पर आपको ब्राह्मणों को भोजना भी कराना है. पितृपक्ष में ब्राह्मणों को जितना दान देंगे उतना ही आपके पितर तृप्त होंगे और आप आगे बढ़ेंगे.

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