बंगलुरू आधारित स्वयंसेवी संगठन जनआग्रह सेंटर फॉर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी के द्वारा किये गए एक सर्वे के मुताबिक patna को देश के सबसे top शहरों में 11वां स्थान मिला है। एनजीओ के अनुषांगिक संगठन शहरी निवासी संगठन के सहयोग से किये गए इस सर्वे में देश का सर्वश्रेष्ठ शहर फिर से तिरुअनंतपुरम को बताया गया है।
देश के 21 शहरों को सर्वे में शामिल किया गया था। शहरी नियोजन और संरचना, लोगों के रहने की क्षमता और संसाधन, सशक्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व और निष्पक्षता, पारदर्शिता और लोगों की भागीदारी; इन चार मुख्य मापदंड के आधार पर रैंकिंग दी गई। पटना नगर निगम के कमिश्नर अभिषेक सिंह ने कहा कि तिरुअनंतपुरम को 10 में से 4.4 अंक, पुणे को 4.2 अंक और पटना को 10 में से 3.4 अंक मिले हैं। इस सर्वे में शामिल सभी भारतीय शहरों को 2.2 और 4.4 के बीच में ही अंक मिले हैं।
शहर नियोजन और संरचना पर आधारित पहले मापदंड के अनुसार पटना को 16वां स्थान मिला। इस ग्रुप में चार प्रमुख पैमाने थे, क्या शहर में वार्ड स्तर पर नियोजन किया गया है? इसके अलावा क्या शहर में विकास योजनाओं की मंजूरी और जनता को लाभ पहुंचाने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था है? सर्वे में ये बात सामने आई कि पटना समेत देश के अधिकतर शहरों में नगर निगमों के संसाधनों और कार्यप्रणाली में कमी ही शहरों की व्यवस्था में कमी और बेतरतीब बढ़ोत्तरी का मुख्य वजह है।
इस योजनाओं के क्रियान्वयन की श्रेणी में दूसरा स्थान बंगलुरू को मिला है. 2014 में बृहत बंगलुरू महानगर पालिका को इस श्रेणी में निचली पायदानों पर स्थान मिला था क्योंकि उनकी 400 में से सिर्फ तीन इमारतें ही सारे मापदण्डों पर खरी उतरी थीं।
शहरी निवासी क्षमता और संसाधन का मूल्यांकन करने वाले दूसरे मापदण्ड के अनुसार जिसमें शहर के आधारभूत ढांचे में कुल निवेश, पर्याप्त मात्रा में कुशल श्रम की उपलब्धता और सूचना तकनीकी के पर्याप्त इस्तेमाल को आधार बनाया गया था। इस श्रेणी में patna नवां स्थान के साथ ने top 10 में था। मुंबई ने इस श्रेणी में टॉप किया।
सशक्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व और निष्पक्षता पर आधारित तीसरे मापदण्ड के तहत दो सवाल पूछे गए थे। क्या शहर से जीतने वाले नेता सत्ता में पर्याप्त ऊंची पहुंच रखते हैं? और क्या शहर का माहौल पूरी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करता है? इस श्रेणी में patna को10वां स्थान मिला एवं पारदर्शिता और लोगों की भागीदारी पर आधारित चौथे मापदण्ड वाले इस श्रेणी में पटना को 13वां स्थान और आम नागरिकों की शिकायतों के निपटारे की श्रेणी में 18वां स्थान मिला है।