फ्लाइट से दिल्ली आना-जाना अब सस्ता हो गया है। दरअसल, एविएशन रेग्युलेटरी बॉडी ने हवाई सफर पर लगने वाली यूजर्स डेवलपमेंट फीस (यूडीएफ) में कटौती कर दी है।
यह कमी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों तरह की फ्लाइट्स के टिकटों पर की गई है। सिविल एविएशन के डायरेक्टर जनरल की ओर से शनिवार को रिवाइज्ड टैरिफ को लेकर ऑर्डर जारी किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली एयरपोर्ट को इस चार्ज से सालाना 350 करोड़ रुपए की कमाई होती रही है। समझें पूरा मामला…
क्या है फैसला?
– एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी ने यूडीएफ में कटौती करने का ऑर्डर दिसंबर 2015 में दिया था, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट की पिटीशन पर दिल्ली हाईकोर्ट से इस पर स्टे दे दिया था। तभी से यह पेंडिंग था।
– एअर इंडिया ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से दिए गए स्टे को रद्द करदिया।
– सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली से उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स पर यूडीएफ में कमी की जा रही है। साथ ही यहां लैंड करने वाली फ्लाइट्स से यूडीएफ नहीं ली जाएगी।
– बता दें कि दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) ही अकेला ऐसा एयरपोर्ट था, जहां आने-जाने वाली दोनों फ्लाट्स के लिए यूडीएफ ली जाती थी। बाकी एयरपोर्ट सिर्फ वहां से डिपार्टचर करने वाले पैसेंजर्स से ही टिकट में यूडीएफ लेते हैं।
क्या होता है UDF?
– यूजर डेवलपमेंट फीस (यूडीएफ) भारतीय एयरपोर्ट्स पर एयरक्राफ्ट रूल्स-1937 के रूल-89 के तहत ली जाने वाली लेवी है।
– इससे एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को उनकी इनकम में अचानक आने वाली कमी दूर करने में मदद मिलती है। इससे उनके इन्वेस्टमेंट की भरपाई होती है।