पटना साइंस सिटी से जुड़ा बड़ा अपडेट, कब तक तैयार होगा और क्या-क्या देखने को मिलेगा, जानें सबकुछ

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अत्याधुनिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी (APJ Abdul Kalam Science City) का चल रहे निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है। इसी साल जुलाई तक बनकर तैयार हो जाएगा। राजेंद्र नगर में मोइनुल हक स्टेडियम के पास 21 एकड़ जमीन पर 36 हजार वर्ग मीटर में निर्मित (Patna Science City) होने से लोगों के बीच विज्ञान को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के साथ-साथ शानदार वैज्ञानिक विकास का प्रदर्शन करने की उम्मीद है।

पटना साइंस सिटी में क्या-क्या होगा?

राज्य भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने कहा कि साइंस सिटी की सभी गैलरियों, लर्निंग सुइट्स, ऑडिटोरियम, ओरिएंटेशन हॉल और अन्य सहायक ढांचों में सिविल वर्क पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि सज्जा का काम जोरों पर चल रहा है और अगले कुछ महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।

G+1 भवन में चार बड़ी दीर्घाएं हैं, जिनके नाम हैं, ‘बेसिक साइंसेज’, ‘स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी’, ‘सस्टेनेबल प्लैनेट’ और ‘बॉडी एंड माइंड’। इमारत में एक छोटी गैलरी होगी, जिसका नाम ‘बीए साइंटिस्ट’ होगा। ये इट्रोडक्ट्री दीर्घा होगी और विज्ञान सिटी की लुक देगी। इसके अलावा, चार लर्निंग सुइट होंगे- मेकर स्पेस, बिग डेटा सेंटर, किचन और जिम, जहां दर्शक चीजों को देखेंगे और सीखेंगे।

दीर्घाएं और सीखने के सुइट में विभिन्न विज्ञान प्रदर्शन और मॉडल होंगे। 243 प्रदर्शनी की अवधारणा डिजाइन एजेंसी से तैयार कराई गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने अप्रूव किया है। अब, हम चयनित प्रदर्शनी के निर्माण के लिए बोली प्रक्रिया आरंभ करेंगे। इन प्रदर्शनों में 2डी और 3डी, इंटरैक्टिव, टच स्क्रीन, प्रयोग और होलोग्राम और यहां तक कि स्थिर मॉडल भी शामिल हैं।

विदेशी साइंट सिटी देखने बाद डिजाइन

प्रदर्शनी तैयार करने वाली टीम ने कोलकाता, मॉन्ट्रियल, कनाडा, टोरंटो और बोस्टन सहित पांच अलग-अलग विज्ञान शहरों का अध्ययन किया है। प्रदर्शनी को गैलरी और सीखने के सूट के अनुसार 57 सब्जेक्ट में डिवाइड किया गया है। जैसे- रोबोटिक्स, नंबर (बाइनरी सिस्टम), बुनियादी विज्ञान में साइज और वेलोसिटी शामिल है।

इसी तरह सस्टेनेबल प्लैनेट में विजिटर्स को इको सिस्टम, अर्थ साइकल, बायोडायवर्सिटी, वॉटर साइकल, मॉनसून, साइक्लोन, फ्लडिंग और लैंडस्लाइड जैसे सब-थीम्स से जुड़े मॉडल्स दिखेंगे। अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान में खगोलीय उपकरण और सौर प्रणाली जबकि शरीर और मन में मानव शरीर, पाचन तंत्र और श्वसन तंत्र लर्निंग दिखेंगे। सुइट्स में ज्यादातर वर्किंग मॉडल्स होंगे।

भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राम बाबू ने कहा कि गैलेयर्स और लर्निंग सूट के अलावा, आधुनिक विज्ञान शहर में बैक-अप हाउस, बहुउद्देश्यीय हॉल, सभागार, स्मारिका दुकानें, 4D गैलरी, प्रदर्शनी हॉल होगा। 200 लोगों के बैठने के लिए एक G+4 छात्रावास का भी निर्माण किया गया है। सभी सुविधाएं और आपस में जुड़ी हुई हैं। लैंडस्केपिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर का काम चल रहा है। प्रदर्शनी तैयार होने के बाद इसे दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा।

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