समाज के लिए अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो उम्र और संसाधन मायने नहीं रखता। हम आपके सामने आज उन बच्चों की कहानी ला रहे जिनकी उम्र तो छोटी सी है पर सोच और समाज के प्रति उनका नजरिया काफी बड़ा है। जिस उम्र में बच्चों को अक्सर ये शिकायत करते सुनते हैं की उनके पास किस-किस चीज़ की कमी है।
पर पटना के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले ये 7 बच्चों ने एहसास किया की उनके पास तो बहुत कुछ आई और इतना है की उनका फ़र्ज़ है समाज के ऐसे तमाम बच्चों की उन कमियों को पूरा करने की।
गोल इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाली वैष्णवी, डॉन बोस्को के आर्यन राठौर, संत माइकल्स के सलमान, आकाश इंस्टिट्यूट के संदीप शर्मा, एनआईटी के शायन मोजफ्फर, इंटरनेशनल की स्वीटी श्रेया, बाल्डविन अकादमी की आयुषी और सारांश झा ने मिलकर शुरुआत की “क्षितिज” ग्रुप की जो स्लम में रहने वाले बच्चों को पढ़ाती है।
जनवरी 2016 में शुरू किये अपने इस नेक काम के लिए इन बच्चों ने अपनी पॉकेट मनी बचा कर पढ़ाने के लिए उनकी झुग्गी-झोपड़ियों के पास ही एक रूम का स्कूल बनाया। आज पटना में इनके ऐसे 3 स्कूल हैं जहाँ ये बच्चों को पढ़ाते है ताकि उनका भविष्य अच्छा बन सके।