पटना मेट्रो रेल परियोजना के लिए राज्य सरकार ने फिर से 559 करोड़ रुपये दिए हैं। इसमें 459 करोड़ रुपये भू-अर्जन मद में जबकि सौ करोड़ की राशि निर्माण कार्याें पर खर्च की जाएगी। नगर विकास एवं आवास विभाग ने राशि निकासी की स्वीकृति दे दी है। यह राशि बिहार शहरी विकास अभिकरण (बुडा) के माध्यम से पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) को जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराई जाएगी।
केंद्र व राज्य की 20-20 प्रतिशत हिस्सेदारी
पटना मेट्रो के लिए भूमि अधिग्रहण, विस्थापितों के पुनर्वास और प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के अवयवों को छोड़ कर प्रोजेक्ट की कुल राशि में केंद्र व राज्य सरकार की हिस्सेदारी 20-20 प्रतिशत है। बाकी 60 प्रतिशत राशि बाह्य एजेंसी से ऋण लिया जाना है। ऋण के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) से बातचीत चल रही है। निर्माण कंपनी के अनुसार, जल्द ही जाइका से ऋण की मंजूरी मिल सकती है।
एलिवेटेड व भूमिगत दोनों रूट पर चल रहा काम
फिलहाल पटना मेट्रो के एलिवेटेड और भूमिगत दोनों रूटों पर तेजी से काम चल रहा है। मलाही पकड़ी से बैरिया के नए बस स्टैंड तक छह किमी लंबा एलिवेटेड रूट प्रायोरिटी कारिडोर है, जिसपर सबसे पहले काम पूरा होना है। इसके अलावा राजेंद्रनगर के मोइनुलहक स्टेडियम से फ्रेजर रोड के आकाशवाणी स्टेशन तक भूमिगत रूट का काम भी चल रहा है। अभी भूमिगत रूट के स्टेशनों के डी-वाल का काम जारी है। पहले स्टेशन बाक्स का निर्माण किया जाएगा इसके बाद सुरंग के जरिए उन्हें आपस में जोड़ा जाएगा।