बिहार की स्टाइलिश ट्रांसजेंडर नाम से मशहूर मोनिका दास को राज्य चुनाव आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया में मंगलामुखी समुदाय की सक्रिय सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए स्टेट आइकान बनाया है। पूर्व में मोनिका दास बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2020 में राज्य की पहली ट्रांसजेंडर पीठासीन पदाधिकारी के रूप में चुनाव कार्यो का संपादन कर चुकी है। देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर बनकर तीस साल की मोनिका दास इतिहास दर्ज कर चुकी हैं।
मोनिका दास वर्तमान में पटना में केनरा बैंक में अधिकारी है। मोनिका दास का जीवन कहानी संघर्षों से भरा रहा है। मोनिका ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वे तीन साल की थीं तब उनके ट्रांसजेंडर होने की जानकारी हुई। मोनिका के पिता ने उनका नाम गोपाल रखा था। ट्रांसजेंडर होने की वजह से उन्हें घर से लेकर बाहर तक जिल्लत झेलनी पड़ती थी। भाइयों को उनसे शर्म आती थी। बचपन तानों के बीच गुजरा। बचपन में कोई दोस्ती नहीं करता था। सब मिलकर मजाक उड़ाते थे।
मोनिका दास बतातीं है कि वे दिखने में काफी सुंदर हैं। हालांकि, बचपन में चाल-ढाल और बोलचाल लड़कों जैसा था, लेकिन उनकी पर्सनालिटी लड़कियों जैसी थी। मोनिका के मुताबिक, काफी पहले से उनका मन लड़कियों की तरह रहने को करता था। मोनिका बताती हैं कि स्कूल के दिनों में क्लास-मेट उनका मजाक उड़ाते थे।
इन सब के कारण मोनिका काफी अलग-थलग रहती थीं। क्लास-मेट ताने देते थे, तो घर आकर खूब रोती थीं। हालांकि, उन्होंने आत्मविश्वास को टूटने नहीं दिया और ट्रांसजेंडर के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाने की ठान ली। उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की और सफलता के करीब बढ़ती चली गईं।
उन्होंने नवोदय विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई की। फिर ग्रैजुएशन पटना यूनिवर्सिटी से किया। मोनिका दास पटना लॉ कालेज से एलएलबी हैं। उनके पिता भगवान दास ढोली सेल्स टैक्स अफसर थे, जबकि मां अनीमा रानी भौमिक बीएसएनएल की रिटायर्ड एम्प्लॉई हैं। मोनिका के दो भाई बैंक में हैं और दो प्राइवेट नौकरी करते हैं।