कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पटना के 76 सरकारी अस्पतालों में जांच शुरू कर दी गई है। रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी जांच हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली एवं अन्य राज्यों में कोरोना का प्रकोप बढ़ा है। बाहर से आने वाले यात्रियों से संक्रमण फैल सकता है, इसलिए जांच केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है।
पटना के सभी 25 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 31 ग्रामीण पीएचसी पर जांच की व्यवस्था है। प्रतिदिन लगभग पांच हजार लोगों की जांच की जा रही है। हालांकि जांच में लगे अधिकारियों का कहना है कि अभी मरीजों की संख्या काफी कम है लेकिन जिन्हें भी बीमारी का लक्षण दिख रहा है वे निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में जांच करा सकते हैं।
दिल्ली से आने वाले हवाई जहाज के यात्रियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इसके लिए एयरपोर्ट पर दो शिफ्टों में 10 टीमों को लगाया गया है। दूसरी टीम रेलवे स्टेशन पर तैनात है। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में कोरोना का प्रकोप बढ़ने के बाद अक्सर देखा जाता है कि बिहार में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है क्योंकि दिल्ली से बिहार आने जाने वालों की संख्या अधिक होती है।
इमरजेंसी में भर्ती के समय करानी होगी कोरोना की जांच
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए अब पटना के सभी अस्पतालों को इमरजेंसी में भर्ती करने से पहले मरीजों की कोरोना जांच करानी होगी। यह जांच एंटीजन किट से कराया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने सभी अस्पतालों को यह निर्देश दिया है।
सिविल सर्जन ने बताया कि इमरजेंसी में आते ही कोरोना जांच होने से यह पता चल जाएगा कि मरीज को कोरोना है अथवा नहीं। यदि होगा भी तो उसके संपर्क में आने वाले लोगों की जांच करने में आसानी होगी। बाद में जांच होने पर यदि मरीज पॉजिटिव आता है तो उसका कांटेक्ट ट्रेसिंग करना मुश्किल हो जाता है।