Patna: लोजपा पर अधिकारी की लड़ाई में चिराग पासवान को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उनकी याचिका का खारिज कर दिया. जिसमें उन्होंने लोकसभा स्पीकर के फैसले को चुनौती दी थी. इसपर केन्द्रीय मंत्री व लोजपा पारस गुट के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने प्रतिक्रिया दी है.
मीडिया से बात करते हुए केन्द्रीय मंत्री व लोजपा पारस गुट के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि “ ये तो होना ही था, पिटीशन दायर करना ही असंवैधानिक था. कोर्ट के आदेश का मैं सम्मान करता हूं. जब देश की सबसे बड़ी संस्था लोकसभा से मुझे दल का नेता होने की मान्यता मिली है. जो पूरी तरह से नियमसंगत है. ऐसे में लोकसभा के फैसले को चुनौती देना ही अनुचित था. फिर भी मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं”
दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में एलजेपी के सांसद पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने और उससे पहले लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता बनाने के दोहरे झटके से तिलमिलाए चिराग पासवान ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन यहां से भी उन्हें निराश हाथ लगी.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में आज चिराग पासवान की अर्जी पर सुनवाई हुई. यह सुनवाई लोक जनशक्ति पार्टी पर कब्जे को लेकर थी. चिराग पासवान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर लोकसभा अध्यक्ष के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनके चाचा पशुपति पारस की अगुवाई वाले गुट को सदन में एलजेपी के तौर पर मान्यता दी गई है. हाई कोर्ट में जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच इस मामले में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने चिराग की याचिका को खारिज कर दिया कि इसमें कोई आधार नहीं है. मामला स्पीकर के पास पेडिंग है, इसलिए आदेश देने की कोई जरूरत नहीं है.