PAK के छक्के छुड़ाने वाले वीर की पत्नी को सेना ने किया सलाम, कहा- खुश नसीब हूं कि जिंदगी ने मुझे ऐसेे वीर पत्नी होने का मौका दिया..

अंतर्राष्‍ट्रीय खबरें

पाकिस्तानी सेना की हालत पतला करने वाले, 1965 की जंग के हीरो वीर अब्दुल हमीद पत्नी बीबी रसूलन को सेना ने अपनी पलकों पर बिठाया। पहली बार शहीद की पत्नी ने पौत्र व परिवारिक सदस्यों के साथ पति की यादगार पर चादर चढ़ाई।

इससे पूर्व गत दिवस अमृतसर स्टेशन पर  भारतीय सैनिकों के उनका भव्य स्वागत किया। भावुक बीबी रसूलन ने कहा कि भारतीय सेना ही उनका परिवार है और यहां वह अपने परिवार के बीच आई हैं।

पंजाब मेल से रविवार सुबह 10.36 पर प्लेटफार्म पर पहुंचते ही भारतीय सैनिकों ने बीबी रसलून को सम्मान सहित गाड़ी से उतारा और व्हील चेयर पर बिठा लिया। 15 इंफेंट्री के सूबेदार इकबाल सिंह, एएमसी के कैप्टन डॉ. जी शिवराम व रिटायर्ड सूबेदार प्रकाश चंद ने उनका स्वागत किया।

शहीद के पोते जमील खान ने बताया कि जब दादी मां ने अपनी अंतिम इच्छा दादा वीर अब्दुल हमीद की खेमकरण सेक्टर के गांव आंसल उताड़ में स्थित मजार पर चादर चढ़ाने की व्यक्त की तो उन्होंने भारतीय सेना के जरनल विपिन रावत से बात की, जिन्होंने इसकी तुरंत व्यवस्था करवा दी।

उनके दादा वीर अब्दुल हमीद को को 1962 की चीन के जंग में सेना मेडल मिला तो 1965 की पाकिस्तान की जंग में परमवीर चक्र।

उनके दादा की बहादुरी के किस्से आज भी सेना के अधिकारी सुनाते हुए कहते हैं कि देश में अभी तक इससे बड़ा (परमवीर चक्र) कोई अवार्ड नहीं है और होता तो उनके दादा को वही मिलता, इसलिए भारतीय सेना ने उनके दादा के नाम के साथ वीर शब्द का प्रयोग करते हुए उनके दादा को शहीद वीर अब्दुल हमीद का दर्जा दिया।

सूबेदार इकबाल सिंह भारतीय सेना के परिवार की इस खास मेहमान बीबी रसूलन तथा वीर शहीद के पौत्र जमील खान को पैंथर स्टेडियम के गेस्ट हाउस में ले गए। इसके बाद बीबी ने अटारी बार्डर पर जाकर रीट्रीट सेरेमनी देखने की इच्छा व्यक्त की तो सैन्य अधिकारी शहीद की पत्नी को कुछ देर आराम करवाने के बाद आईसीपी अटारी ले गए, जहां उन्होंने बीएसएफ के जवानों की परेड देखी और दूर से ही उन्हें आशीर्वाद भी दिया।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *