कभी-कभी, मजबूरी आपको मजबूती भी देती है, और आपको कामयाब बनने का अवसर प्राप्त होता है, इसका एक उदाहरण है बरखा भगत की कहानी. पूर्णिया की बरखा भगत लगभग 10 साल से मेहंदी लगाने का काम कर रही है. उन्होंने बताया कि 10 साल पहले, पूर्णिया पढ़ाई करने गई थी, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ने उनकी पढ़ाई को रोक दिया. इसके बाद, पढ़ाई वहीं रुक गई, लेकिन बरखा ने हार नहीं मानी. उन्होंने मेहंदी लगाने का काम शुरू किया, और यह हुनर उन्हें बचपन से ही था. पहले, वह इसे शौक के रूप में अपने परिवार के सदस्यों के हाथों में लगाती थी, लेकिन फिर इसे एक पेशेवर काम में तब्दील किया.
घर-घर जाकर लगाती है मेहंदी
बरखा ने बताया कि जब भगवान ने उन्हें इस हुनर के लायक समझा और इस हुनर को दिया है, तो वह इसे बड़े फायदे से उठाने का निर्णय लिया. उन्होंने अपने हुनर को पेशेवर काम बना लिया, और इसके परिणामस्वरूप पिछले 10 साल से पूर्णिया में रहकर लोगों के घर-घर जाकर मेहंदी लगाने का काम किया है. वे अपने क्लास रूम में महिलाओं को मेहंदी लगवाने के लिए भी आती हैं, साथ ही साथ महिलाओं को इसके लिए नवाचार भी प्रदान करती हैं. बरखा भगत कहती है कि उनके पास मेहंदी लगाने का इतना अच्छा अनुभव है कि वे दुनिया के किसी भी थीम, छवि, या किसी भी तरह की आकृति को देखकर हुबहू मेहंदी से हाथों पर छाप देती हैं.
शादी सीजन में होती है अच्छी कमाई
बरखा ने इस पेशेवर मेहंदी लगाने के कार्य में माहिरत हासिल कर ली है, और वह इस कौशल को दूसरों को सिखाने में भी सक्षम है. बरखा भगत कहती है कि यदि कोई महिला या पुरुष मेहंदी के विभिन्न डिजाइन सीखना चाहते हैं, तो वे उनके क्लासरूम में आकर सीख सकते हैं. वह यह भी कहती है कि वह मेहंदी लगाने से अच्छा कमाई कर लेती हैं, और विशेषकर सीजन के दौरान उनकी कमाई ज्यादा होती है, क्योंकि उनके आकर्षक डिजाइन और विभिन्न मेहंदी के लुक्स को देखकर लोग उन्हें मेहंदी लगवाने के लिए आमंत्रित करते हैं. उनके पास अपने मेहंदी के डिजाइन के आरंभिक मूल्य 300 रुपये से होते हैं.