बिहार में एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। थाना, कोर्ट, अभियोजन, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री जेल जैसे महकमों को इसका सीधा फायदा होगा।इन महकमों के अधिकारी ऑफिस में ही किसी एफआईआर को देख सकेंगे। एक महीने में अभी तक करीब 1 लाख एफआईआर ऑनलाइन हुए हैं। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम से इतर बिहार में फिलहाल एनआईसी की मदद से थानों में दर्ज एफआईआर को सर्वर पर अपलोड किया जा रहा है।
37 जिलों के छह सौ थाने इससे जुड़ गए हैं। हर दिन करीब ढाई हजार एफआईआर ऑनलाइन अपलोड किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में राज्य के सभी 894 थानों को सीसीटीएनएस से जोड़ दिया जाएगा। सीसीटीएनएस का काम पूरा नहीं होने की स्थिति में गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह एनआईसी की मदद से एक वेब पोर्टल बनाए और एफआईआर अपलोड करे।
आईजी डॉ.कमल किशोर सिंह के अनुसार वर्ष 2017 के साथ-साथ पिछले दस वर्षों की एफआईआर को वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि एफआईआर को ऑनलाइन किया जाए। इसको देखते हुए इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तहत यह प्रक्रिया शुरू की गई है।