पटना: कर्नाटक की सियासी आंच अब बिहार में भी पहुंच गयी है. बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद बिहार में भी सियासी संग्राम शुरू हो गया है. इस मुद्दे को लेकर अब सत्तापक्ष के दोनों दल यानी जेडीयू और बीजेपी ही भिड़ गयी है. नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइडेट के MLC दिलीप चौधरी ने बीजेपी पर वार करते हुए कहा है कि राजनीति में सिर्फ पावर से काम नहीं चलता है, उच्च मापदंडों को बनाये रखने की जरूरत होती है.
JDU MLC यहीं नहीं रूके. उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोई भी काम जल्दबाजी में नहीं होना चाहिए. ये पहले से तय था कि भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में बीजेपी को धैर्य से काम लेना चाहिए था. उन्होंने साफ कहा कि कर्नाटक की राजनीति में हुए उठा-पटक से विरोधी दलों को नयी ताक़त मिली है.
वहीं, बीजेपी प्रदेश युवा मोर्चा के अध्यक्ष नितिन नवीन ने मुखर होते हुए कहा है कि कोई हमें नैतिकता का पाठ न पढ़ाये. उन्होंने परोक्ष रूप से जेडीयू पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी की नैतिकता की वजह से ही कई क्षेत्रीय दलों को आगे बढ़ने का मौका मिला है. कई सहयोगी दलों के नेताओं को नेता बना दिया. भारतीय जनता पार्टी ने सियासत में हमेशा उच्च मापदंड बनाये रखा है. कर्नाटक में भी बीेजेपी ने अटल बिहारी वाजपेयी के उच्च विचारों के आधार पर ही इस्तीफा दिया है.
फिलहाल कर्नाटक के मुद्दे पर सत्तापक्ष के दो धड़ों की बयानबाजी के बाद अब बिहार का सियासी माहौल बदलने लगा है. सहयोगी दल भी अब बीजेपी को घेरने लगे हैं. ऐसे में राजनीतिक पंडित कई तरह के कयास लगाने शुरू कर दिये हैं. विदित हो कि कर्नाटक में चुनाव परिणामों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी ने जरूर 104 सीटें जीती हैं और सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आयी है लेकिन वो विश्वासमत हासिल नहीं कर सकी. फिलहाल अब नज़रे जेडीएस और कांग्रेस पर है, जो मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं.
Source: dbn news