कई लोग कहते हैं की मेरी तमन्ना है की अपने देश और समाज के लिए कुछ करूँ। कभी मौका मिलेगा तो जरूर करूँगा या करुँगी। वहीं कुछ लोग मौके का इंतज़ार नहीं करते, बल्कि संसाधन न होते हुए भी प्रबल इच्छाशक्ति से समाज के लिए कुछ कर गुजरते हैं।
58 साल के डी. प्रकाश राव ओडिशा के कटक में रहते हैं। प्रकाश राव का दिन शुरु होता है सुबह 4 बजे। इसके बाद वह कटक के बक्सीबाज़ार में अपनी चाय की एक छोटी सी दुकान पर जाते हैं।
इस दुकान से राव अपनी अजीविका नहीं चलाते बल्कि कई बच्चों की ज़िंदगी संवारने का काम करते हैं। वह चाय से होने वाली आमदनी का 50 प्रतिशत हिस्सा झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करते हैं। वह स्कूल में 70 बच्चों को पढ़ाते हैं।
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